आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लाखों नौजवानों की उम्मीद बनीं यूपी टेट की परीक्षा का पेपर लीक हो जाने के बाद योगी सरकार की कार्यप्रणाली पर लगातार गंभीर सवाल उठ रहें हैं। वहीं विपक्ष भी सरकार पर हमलावर है। शनिवार को एक बार फिर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने इस मुद्दे को लेकर योगी सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। पेपर लीक कांड में भाजपा से जुड़े लोगों का नाम सामने आने के बाद प्रियंका ने आज कहा है कि यूपी टेट का पेपर छापने से लेकर परीक्षा प्रबंधन करने तक हर कदम पर भ्रष्टाचार किया गया है। साथ ही प्रियंका ने न सिर्फ योगी सरकार को भ्रष्ट बल्कि युवा विरोधी भी बताया है।
प्रियंका ने शनिवार शाम इस बारे में ट्विट करते हुए कहा है कि यूपीटेट घोटाले में दाल में कुछ काला ही नहीं, पूरी दाल ही काली है। पेपर छापने का ठेका देने से लेकर, परीक्षा के प्रबंधन तक हर कदम पर भ्रष्टाचार किया गया। साथ ही प्रियंका ने आगे कहा है कि यूपी सरकार पूरी तरह से भ्रष्ट और युवा विरोधी है।
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वहीं प्रियंका ने इससे पहले कहा था कि खबरों के अनुसार यूपीटेट पेपर आउट कराने के घोटाले का मास्टरमाइंड भाजपा विधायक का भाई है। योगी आदित्यनाथ जी सख्ती और पारदर्शिता की आपकी सभी बातें खोखली हैं।
बात-बात पर बुलडोजर चलवाने की धमकी देने वाले मुख्यमंत्री बतायें…
दूसरी ओर आज इस मामले में कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता अराधना मिश्रा ने भी लखनऊ में एक प्रेसवार्ता कर योगी सरकार पर हमला बोला है। अराधना मिश्रा ने कहा है कि यूपीटीईटी पेपर लीक कांड सीधे बीजेपी सरकार के संरक्षण में हुआ जिसकी वजह से 20 लाख नौजवानों के भविष्य में अंधकार छा गया है। अराधना मिश्रा ने यूपीटीईटी पेपर लीक कांड के मुख्य आरोपित राय अनूप प्रसाद और बीजेपी के रिश्तों को लेकर सवाल किया। उन्होंने कहा कि आरोपी बिहार में बीजेपी के विधायक का भाई और मुख्यमंत्री योगी के गृह जिले गोरखपुर का है। उसने सरकार के संरक्षण में इस घोटाले को अंजाम दिया। उन्होंने सवाल किया कि बात-बात पर बुलडोजर चलवाने की धमकी देने वाले मुख्यमंत्री योगी बतायें कि परीक्षा पेपर लीक कराने वालों के घर पर बुलडोजर कब चलेगा।
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हमला जारी रखते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि 70 लाख नौजवानों को रोजगार देने का वादा करके सत्ता में आयी सरकार आज खुद ही चार लाख 30 हज़ार रोजगार देने की बात मान रही है। भाजपा सरकार ने विदाई के वक्त एक बार फिर नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है। एसटीएफ ने प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा पेपर लीक कांड के मास्टरमाइंड के रूप में गोरखपुर निवासी जिस राय अनूप प्रसाद को गिरफ्तार किया है उसने अपने प्रभाव का दुरूपयोग करते हुए सीधे परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय कुमार उपाध्याय से पेपर आउट करने की डील की। अनूप प्रसाद की कंपनी आरएसएम फिनसर्व लिमिटेड न मानकों पर खरी थी और न उसके पास इसका अनुभव ही था। हालत ये है कि इस कंपनी के दिल्ली स्थित बदरपुर के पते पर एक बीयर गोदाम पाया गया, लेकिन अनूप प्रसाद बिहार के नरकटियागंज क्षेत्र की बीजेपी विधायक रश्मि वर्मा का भाई है जिसकी वजह से सरकार उस पर मेहरबान थी। यही वजह है कि परीक्षा एजेंसी द्वारा चयन में मौके का स्थलीय निरीक्षण भी नहीं किया गया। सभी नियम और शर्तों को ताक पर रखकर परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय उपाध्याय ने अनूप प्रसाद की कंपनी को बिना कोई गोपनीय जांच कराए और निरीक्षण के बिना वर्क आर्डर दिया। ऐसे में प्रदेश के नौजवान पूछ रहे हैं की किसके कहने पर परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय उपाध्याय ने एजेंसी चयन के मानकों का उल्लंघन किया। सारी कड़ियां जिस तरीके से जुड़ रही हैं उससे स्पष्ट है कि गोरखपुर का निवासी होने और बीजेपी विधायक का भाई होने का अनूप प्रसाद को लाभ मिला।
आरोप लगाते हुए मोना ने आज पत्रकारों से यह भी कहा कि सत्ता के गलियारों में उसकी पैठ के कारण ही उसे प्रश्नपत्र छापने की जिम्मेदारी दी गयी। यूपी की बीजेपी सरकार 20 लाख परीक्षार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ करने की अपराधी है। पेपर लीक कांड अपराधियों और योगी सरकार के गठजोड़ का ज्वलंत उदाहरण है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आदित्यनाथ जी बार-बार बुलडोजर चलाने की बात करते रहे और पेपर लीक होते चले गए आखिर राय अनूप प्रसाद और संजय उपाध्याय जैसे लोगों के घरों पर बुलडोजर कब चलेगा?
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अराधना मिश्रा के अनुसार भाजपा सरकार की विदाई के समय में भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ परीक्षा की तैयारी करने वाले नौजवानों को नहीं, नकल माफियाओं को रोजगार दे रहे हैं। वादा था 70 लाख रोजगार देकर नंबर वन बनाने का, लेकिन बना दिया पेपर लीक कराने में उत्तर प्रदेश को नंबर वन। कांग्रेस मांग करती है कि नौजवानों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले जिम्मेदार जिन बड़ी मछलियां को बचाया जा रहा है उनकी गिरफ्तारी हो। ऐसे में विभागीय मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों को अपने पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है। यदि मुख्यमंत्री जी वास्तव में नौजवानों के हितैषी हैं तो विभागीय मंत्री और शासन स्तर के अधिकारियों को बर्खास्त करें वह इस घटना की न्यायिक जांच हो जिससे जो संगठित अपराध का सच है वह बाहर आ सके।
वहीं आज प्रियंका गांधी ने कोरोना से जान गंवाने वाले लोगों के आंकड़े को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाएं हैं। प्रियंका ने कहा कि भाजपा सरकार ने अब तक न तो कोरोना से हुई मौतों के सही आंकड़े जारी किए हैं और न ही मृतकों के परिजनों को किसी तरह का मुआवजा दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी करोड़ों भारतीयों की पीड़ा और संवेदना को संवेदनहीनता के बूटों तले कुचलिए मत। मृतकों के परिजनों को मुआवजा दीजिए।