आरयू ब्यूरो, लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शनिवार को गंगा एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास किये जाने पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने भाजपा सरकार के साथ ही कांग्रेस व सपा पर भी निशाना साधा है। मायावती ने आज कहा है कि उत्तर प्रदेश की उनकी सरकार में गंगा एक्सप्रेस-वे के जरिए गरीबी, पलायन व बेरोजगारी दूर करने की कोशिश गयी थी, उस समय कांग्रेस, भाजपा व सपा ने इसका विरोध किया था।
इस बारे में मायावती ने ट्विट करते हुए कहा है कि बीएसपी सरकार नोएडा से बलिया तक आठ लेन के गंगा एक्सप्रेस-वे के जरिए दिल्ली को पूर्वांचल से सीधे जोड़कर बाढ़ के साथ-साथ क्षेत्र की गरीबी, पलायन व बेरोजगारी आदि की समस्या को दूर करने का प्रयास कर रही थी, लेकिन तब कांग्रेस, भाजपा व सपा ने इसमें अड़ंगा लगाकर विरोध किया था।
इसके बाद यूपी में सपा व अब भाजपा की डबल इंजन की सरकार के भी पांच वर्ष अर्थात् कुल 10 वर्ष बीतने के बाद अब विधानसभा आम चुनाव के नजदीक आने पर गंगा एक्सप्रेस-वे को टुकड़ों में बांटकर इसका शिलान्यास हुआ है। ऐसी स्वार्थी राजनीति से जनता को कब तक छला जाएगा? चुनाव में जन सावधनी जरूरी।
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साथ ही आज मायावती ने कल तक चली बैंक कर्मियों की हड़ताल का भी जिक्र किया है। बसपा सुप्रीमो ने अपने तीसरे ट्विट में कहा है कि बीएसपी गरीब मेहनतकश जनता का दुख-दर्द समझती है। इसीलिए पूंजीपतियों के धन में विकास के बजाय देश की पूंजी में विकास चाहती है, ताकि आमजन व देश का भला हो सके। इसी क्रम में सरकारी बैंकों के निजीकरण की समर्थक नहीं, जबकि भाजपा जल्दबाजी करके निजीकरण में ही व्यस्त, यह अति-दुखद।
सरकार बैंक निजीकरण पर पुनर्विचार करे
वहीं अपने अंतिम ट्विट में मायावती ने कहा कि बैंकों के निजीकरण के विरुद्ध नौ लाख बैंक कर्मचारियों द्वारा अपनी वेतन कटवा कर भी 16-17 दिसंबर को की गई दो दिन की देशव्यापी हड़ताल, किसानों के आन्दोलन की तरह, जुझारू व प्रेरणादायी। सभी को अपने हक के लिए संघर्ष करना होगा। सरकार बैंक निजीकरण पर पुनर्विचार करे, बीएसपी की यह मांग है।