आरयू वेब टीम। भारत ने गुरुवार को बालासोर में ओडिशा के तट से दूर ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के एक नए वेरिएंट का सफल परीक्षण किया। इस मिसाइल को नई टेक्नोलॉजी से लैस किया गया था, जो परीक्षण के बाद सफलतापूर्वक सिद्ध हो गई। रक्षा सूत्रों ने इसकी जानकारी दी।
भारत ब्रह्मोस मिसाइल के नए वेरिएंट का परीक्षण कर रहा। ये परीक्षण ऐसे समय पर हो रहा है, जब पाकिस्तान और चीन के साथ सीमा पर तनाव बरकरार है, और मोदी सरकार को खामोश रहने वाला बताते हुए कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल उन पर तीखे कटाक्ष कर रहा है। वहीं आज से पहले, 11 जनवरी को आधुनिक सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल के नए वेरिएंट का भारतीय नौसेना के गुप्त तरीके से निर्देशित मिसाइल विध्वंसक पोत से सफल परीक्षण-प्रक्षेपण किया।
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने कहा था, ‘ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के समुद्र से समुद्र में प्रहार करने वाले आधुनिक वेरिएंट का आज आइएनएस विशाखापत्तनम से परीक्षण किया गया। मिसाइल ने निर्धारित लक्ष्य पर सटीक तरीके से निशाना साधा।
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ब्रह्मोस मिसाइल की खासियत की बात करें तो, भारत-रूस का संयुक्त उपक्रम ‘ब्रह्मोस एयरोस्पेस’ सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का उत्पादन करता है, जिन्हें पनडुब्बियों, जलपोतों, विमान या भूतल पर स्थित प्लेटफॉर्मों से प्रक्षेपित किया जा सकता है। ब्रह्मोस मिसाइल 2.8 मैक या ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना रफ्तार से प्रक्षेपित हो सकती हैं। ब्रह्मोस मिसाइल की सटीकता इसे और ज्यादा घातक बनाती है। इसकी रेंज को भी बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा, दुश्मन के रडार से बच निकलने में भी ये मिसाइल माहिर है।