आरयू वेब टीम। इस समय देश अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है और जब एक युवा देश, इस तरह के किसी ऐतिहासिक अवसर का साक्षी बनता है, तो उसके उत्सव में एक अलग ही उत्साह दिखता है। यही उत्साह मैं अभी करियप्पा ग्राउंड में देख रहा हूं। मुझे गर्व है कि मैं भी कभी आपकी तरह ही एनसीसी का सक्रिय कैडेट रहा हूं। मुझे एनसीसी में जो ट्रेनिंग मिली, जो जानने सीखने को मिला, आज देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियों के निर्वहन में मुझे उससे असीम ताकत मिलती है। मोदी ने जोर देते हुए कहा कि राष्ट्रभक्ति से कोई भक्ति बड़ी नहीं हो सकती।
ये बातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को नेशनल कैडेट कॉर्प्स रैली को दिल्ली के करिअप्पा ग्राउंड में संबोधित कर कही। मोदी ने कहा कि जैसे-जैसे देश मजबूत दृष्टि के साथ आगे बढ़ रहा है, हम एनसीसी को और सशक्त बनाने के लिए भी कदम उठा रहे हैं। एक उच्च स्तरीय समीक्षा समिति का गठन किया गया है। पिछले दो वर्षों में, हमने देश के सीमावर्ती क्षेत्रों में एक लाख नए कैडेट विकसित किए हैं।
साथ ही कहा कि देश भर के 90 विश्वविद्यालयों ने एनसीसी को वैकल्पिक विषय के रूप में चुना है। यहां गर्ल कैडेट्स की संख्या दर्शाती है कि भारत के विचार बदल रहे हैं। देश को आपकी भागीदारी और सेवा की जरूरत है और कई क्षेत्रों में महिलाओं के लिए अपार अवसर हैं। अब देश की बेटियाँ सैनिक स्कूलों में एड्मिशन ले रही हैं। सेना में महिलाओं को बड़ी जिम्मेदारियाँ मिल रही हैं। एयरफोर्स में देश की बेटियां फाइटर प्लेन उड़ा रही हैं। ऐसे में हमारा प्रयास होना चाहिए कि एनसीसी में भी ज्यादा से ज्यादा बेटियां शामिल हों।
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मोदी ने आगे कहा कि आज जब दुनिया भारत को इतनी आशा और आकांक्षाओं से देख रही है, भारत अपने प्रयासों में कमजोर नहीं हो सकता। आज, जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मनाते हैं, हमारे युवा यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं कि हम अपनी गति को जारी रखें। उन्होंने कहा कि भारत के युवा स्टार्ट-अप के मामले में देश को दुनिया के टॉप-3 में ले गए हैं।
आज इस समय जितने भी युवक-युवतियां एनसीसी में हैं, एनएसएस में हैं, उसमें से ज्यादातर इस शताब्दी में ही पैदा हुए हैं। आपको ही भारत को 2047 तक लेकर जाना है। इसलिए आपकी कोशिशें, आपके संकल्प, उन संकल्पों की सिद्धि, भारत की सिद्धि होगी, भारत की सफलता होगी। उन्होंने कहा कि जिस देश का युवा, राष्ट्र प्रथम की सोच के साथ आगे बढ़ने लगता है, उसे दुनिया की कोई ताकत रोक नहीं सकती। आज खेल के मैदान में, भारत की सफलता भी इसका एक बड़ा उदाहरण है।