आरयू वेब टीम। भीषण गर्मी के बीच राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का जल सकंट विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। आम आदमी पार्टी सरकार ने यूपी, हरियाणा और हिमाचल से अतिरिक्त पानी दिए जाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। दिल्ली सरकार का कहना है कि गर्मी के कारण जल संकट खड़ा हो गया है और इसे दूर करना सभी की जिम्मेदारी है। याचिका में मांग की गई है कि एक महीने के लिए दिल्ली को पड़ोसी राज्यों से ज्यादा पानी दिलाया जाए।
दिल्ली सरकार ने कोर्ट से यह आग्रह किया है कि वो हरियाणा सरकार को यह निर्देश दें कि दिल्ली में पानी की मांग को देखते हुए एक महीने के लिए अतिरिक्त पानी छोड़ें, ताकि दिल्लीवासियों को कष्ट ना हो।
इससे पहले केजरीवाल ने दावा किया कि दिल्ली को जिन राज्यों से पानी आता है, उन्होंने आपूर्ति कम कर दी है।केजरीवाल ने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट में कहा, इस बार पूरे देश में अभूतपूर्व गर्मी पड़ रही है जिसकी वजह से देश भर में पानी और बिजली का संकट हो गया है। पिछले वर्ष, दिल्ली में बिजली की पीक डिमांड 7438 MW थी। इसके मुकाबले इस साल पीक डिमांड 8302 MW तक पहुंच गई है। पर इसके बावजूद दिल्ली में बिजली की स्थिति नियंत्रण में है, अन्य राज्यों की तरह पॉवर कट नहीं लग रहे।
इतनी भीषण गर्मी में पानी की डिमांड बहुत बढ़ गयी है। और जो पानी दिल्ली को पड़ोसी राज्यों से मिलता था, उसमे भी कमी कर दी गयी है। यानी डिमांड बहुत बढ़ गयी और सप्लाई कम हो गयी। हम सबको मिलकर इसका निवारण करना है। मैं देख रहा हूं कि भाजपा के साथी हमारे खिलाफ धरने प्रदर्शन कर रहे हैं। इस से समस्या का समाधान नहीं निकलेगा। मेरी सभी से हाथ जोड़ कर विनती है कि इस वक़्त राजनीति करने की बजाय, आइये मिलकर दिल्ली के लोगों को राहत दिलवायें।
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यदि भाजपा हरियाणा और यूपी की अपनी सरकारों से बात करके एक महीने के लिए दिल्ली को कुछ पानी दिलवा दें तो दिल्ली वाले भाजपा के इस कदम की खूब सराहना करेंगे। इतनी भीषण गर्मी किसी के हाथ की बात नहीं, लेकिन हम सब मिलकर काम करें तो लोगों को इस से राहत तो दिलवा सकते हैं?