बहराइच हिंसा: आरोपितों के घरों पर नहीं चलेगी JCB, हाई कोर्ट ने लगाई रोक, सरकार से मांगा जवाब

हाई कोर्ट लखनऊ बेंच

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। बहराइच के महाराजगंज में हुई हिंसा में पीडब्ल्यूडी की ओर से मुख्य आरोपित समेत 23 लोगों के घरों को नोटिस जारी किया गया है। जिसके तहत आरोपितों के घर पर ध्‍वस्‍तीकरण की कार्रवाई की बात कही गई थी। इस मामले में दिल्ली की एपीसीआर संस्था ने हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य अभियुक्त की बेटी की तरफ से वाद दायर किया है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले रविवार शाम को सुनवाई करते हुए लखनऊ हाई कोर्ट ने सरकार से तीन दिन में पक्ष रखने का निर्देश दिया है। वहीं बुलडोजर की कार्रवाई पर 15 दिन के लिए रोक लगा दी है। अब इस मामले में बुधवार को सुनवाई होगी।

बहराइच हिंसा के 23 आरोपितों के मकानों पर राजस्व विभाग ने अतिक्रमण की कार्रवाई करने का नोटिस चस्पा किया था। इसमें हिंसा के मुख्य आरोपित अब्दुल हमीद के अलावा महसी इलाके के 23 घरों में बुलडोजर चलाने की बात कही गई थी। इसको देखते हुए दिल्ली की एपीसीआर संस्था के मुख्य कार्यकारी सैयद महफूजुर रहमान ने लखनऊ हाई कोर्ट में अधिवक्ता सौरभ शंकर श्रीवास्तव के जरिए वाद दायर करवाया था। रविवार शाम को 6.30 बजे मामले की सुनवाई हुई। जिसमें लखनऊ हाई कोर्ट के वरिष्ठ जज और मसूदी व सुभाष विद्यार्थी की टीम ने मामले की सुनवाई की।

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अधिवक्ता सौरभ शंकर श्रीवास्तव ने बताया कि जजों की टीम ने सुनवाई करते हुए मामले में सरकार से तीन दिन में जवाब मांगा है, जिसमें उनसे पूछा गया है कि यह सड़क ग्रामीण है या शहरी है। इसके अलावा सभी ग्रामीणों को 15 दिन का समय दिया गया है कि वह सभी अपना पक्ष पीडब्ल्यूडी कार्यालय में प्रस्तुत करें। ऐसे में बुलडोजर की कार्रवाई 15 दिन के लिए रोक दी गई है।

बता दें कि महाराजगंज निवासी मुख्य आरोपित अब्दुल हमीद की बेटी रुखसार और दो अन्य लोगों ने एपीसीआर संस्था के सहयोग से सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई नहीं हो सकी है।

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