आरयू ब्यरो
लखनऊ। रविवार की सुबह मुख्यमंत्री ने अब तक का सबसे बड़ा राजनीतिक फैसला लेते हुए चाचा शिवपाल सिंह यादव समेत चार मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया। सीएम के तूफानी फैसले ने सपा में भूचाल ला दिया है। सीएम के चौंकाने वाले निर्णय के बाद शिवपाल सिंह सपा अध्यक्ष मुलायम के पास चर्चा करने पहुंचे। दूसरी ओर शिवपाल समर्थकों में फैसले को लेकर भारी नाराजगी है। सैकड़ों की संख्या में जुटे समर्थक नारेबाजी करने लगे। सीएम के गुस्से की भेंट चढ़ने वाले अन्य मंत्रियों ओम प्रकाश सिंह, नारद राय व शदाब फातिमा शामिल है। सीएम ने रविवार को मंत्री विधायकों के साथ बैठक के बाद यह फैसला लिया।
बैठक में सीएम ने अमर सिंह को खलनायक की भूमिका में पेश करते हुए पार्टी की वर्तमान हाल के लिए भी जिम्मेदार बताया। इसके साथ यह भी स्पष्ट करने की कोशिश की कि अमर सिंह के करीबियों के प्रति उनकी सोच क्या है। अमर से नजदीकियों केे चलते ही जयाप्रदा को भी फिल्म विकास परिषद की उपाध्यक्ष के पद से हटा दिया। अखिलेश ने पार्टी को एक बताया और एक ही रहने की बात भी कही। सीएम के इस बयान के बाद उनके द्वारा नई पार्टी बनाने की चर्चा पर फिलहाल रोक लग गई हैं। करीब चार सौ वरिष्ठ नेताओं की बैठक में किसी को भी सीएम की ओर से मोबाइल ले जाने की इजाजत नहीं थी।
शिवपाल बोले सीबीआई से बचने के लिए भाजपा से मिल गए रामगोपाल
दूसरी अोर कार्रवाई के बाद शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि सीबीआई से बचने के लिए रामगोपाल यादव बीजेपी से मिलकर सपा में संग्राम करा रहे है। जितना दिमाग उनका पैंतरेबाजी में चलता हैं उतना अगर पार्टी हित में चलता तो पार्टी को बहुत फायदा होता। वह अखिलेश सरकार की छवि खराब कर रहे है। उन्होंने हमेशा नेताजी की उदारता का राष्ट्रीय राजनीत में दुरूपयोग किया है।
अब मुलायम सिंह के पाले में गेंद
अखिलेश के इस बयान के बाद सपा सुप्रीमो भी शिवपाल सिंह, आजम खान समेत पार्टी की कई वरिष्ठों और विश्वासपात्र लोगों के साथ मीटिंग कर रहे है। मीटिंग के बाद लिया गया फैसला समाजवादी पार्टी के लिए काफी निर्णायक माना जा रहा है। इसके अलावा सोमवार को सपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ मुलायम सिंह यादव की प्रस्तावित हैं। जिसमें विधायक, सांसद समेत मंत्री व पूर्व सांसद, विधायक भी शामिल होंगे।
बता दे कि कल ही सीएम के करीबी एमएलसी उदयवीर सिंह को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह ने सपा से छह साल के निष्कासित किया था। इतना ही नहीं शिवपाल ने नई युवा फ्रंटल इकाई भी घोषित कर दी थी। प्रदेश अध्यक्ष के इस फैसले से हाल ही में पार्टी से निकाले गए सीएम के करीबी युवा नेताओं की वापसी के रास्ते भी कठिन हो गए हैं। एमएलसी समेत युवा नेताओं की कुर्सी कही न कही सीएम की पैरवी के चलते ही गई थी। माना जा रहा हैं कि शिवपाल के इन्हीं फैसलों पर पलटवार करते हुए सीएम ने आज शिवपाल समेत उनके और अमर सिंह के करीबियों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया।