आरयू ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ एक्शन मोड़ में आ गए है। योगी ने प्रदेश में विभिन्न आपदाओं में हुई जनहानि एवं क्षतिग्रस्त फसलों का मुआवजा देने में लापरवाही करने वाले आधा दर्जन से ज्यादा अफसरों से जवाब तलब किया है। इनमें पांच जिलों के एडीएम एफआर को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गयी है, जबकि तीन एसडीएम से स्पष्टीकरण मांगा गया है। बाढ़ संबंधी कार्यों में लापरवाही पर कानपुर देहात के आपदा विशेषज्ञ को निलंबित कर दिया।
सीएम योगी ने सभी लापरवाह अधिकारियों को दो दिन में स्पष्टीकरण शासन को सौंपने के निर्देश दिये हैं। अगर जवाब संतोषजनक नहीं हुआ तो उन पर सख्त कार्रवाई हो सकती है। दरअसल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश है कि आपदा से हुई जनहानि का मुआवजा 24 घंटे के अंदर प्रदान किया जाए।
अधिकारियों के खिलाफ की गयी कार्रवाई के बारे में जानकारी देते हुए राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप प्रदेश भर में आपदा से हुई जनहानि का सर्वे पूरा कर 24 घंटे में मुआवजा दिया जा रहा है। वहीं इसमें लापरवाही करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
इसी क्रम में प्रदेश में विभिन्न आपदाओं के दौरान हुई जनहानि और क्षतिग्रस्त फसलों का मुआवजा देने में लापरवाही करने वाले अधिकारियों पर एक्शन लिया गया है। इनमें बांदा, चित्रकूट, सिद्धार्थनगर, सुल्तानपुर और मुजफ्फरनगर के एडीएम एफआर क्रमश: संतोष सिंह, उमेश चंद्र निगम, उमा शंकर, एस सुधाकरन और गजेंद्र कुमार को प्रतिकूल प्रविष्टि सौंपी गयी है।
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साथ ही लापरवाही पर सिद्धार्थनगर की सदर तहसील के एसडीएम ललित कुमार मिश्रा, हाथरस की शादाबाद तहसील के एसडीएम संजय कुमार सिंह और अलीगढ़ की अतरौली तहसील के एसडीएम अनिल कुमार कटियार से स्पष्टीकरण तलब किया गया है। वहीं बाढ़ संबंधी कार्यों में लापरवाही पर कानपुर देहात के आपदा विशेषज्ञ अश्विनी कुमार को निलंबित कर दिया है। सभी को दो दिनों के अंदर अपना जवाब शासन को सौंपना होगा।