आरयू ब्यूरो,लखनऊ। चंद महीनों बाद होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव से पहले इलेक्शन वॉच एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की एक रिपोर्ट ने कई खुलासे किए। रिपोर्ट के मुताबिक सबसे अधिक दागी विधायक भाजपा के हैं। वहीं इस मामले में सपा-बसपा के विधायक भी बहुत पीछे नहीं है। अधिकतर विधायक ऐसे हैं जो अपराध की दुनिया से जुड़े हुए हैं, जबकि इसमें अधिकतर राजनीतिक दलों के विधायक करोड़पति हैं।
रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश के 396 विधायकों में से 140 यानी 35 प्रतिशत विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं और 106 यानी 27 प्रतिशत विधायकों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज है।
अगर पार्टीवार बात करे तो बीजेपी के 304 में से 106 विधायक, जबकि इस मामले में दूसरे नंबर पर सपा है, उसके 49 में से 18 विधायकों पर अपराधिक मामले दर्ज हैं, वहीं बीएसपी के 18 में दो विधायक और कांग्रेस के एक विधायक पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। एडीआर ने आज यह रिपोर्ट जारी करते हुए कहा है कि यह विश्लेष वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावों और उसके बाद हुए उपचुनावों में उम्मीदवारों द्वारा प्रस्तुत शपथ पत्रों पर आधारित है।
यूपी में 396 विधायको में से 313 विधायक करोड़पति है। सबसे ज्यादा भाजपा में 304 विधायकों में से 235 करोड़पति है। समाजवादी पार्टी में 49 में से 42, बीएसपी के 16 विधायकों में से 15 तो कांग्रेस में सात विधायको में से पांच करोड़पति है। यूपी में सबसे ज्यादा अमीर विधायक बीएसपी के विधायक शाह आलम है।
दूसरे नंबर पर बीएसपी विधायक विनय शंकर कुबेर के खजाने से संपर्क रखते हैं। भाजपा के दो विधायक वर्तमान में मंत्री है, दोनों कर्जदार है। प्रयागराज के विधायक नंद गोपाल नन्दी और सिद्धार्थनाथ सभी विधायकों में कर्जदार है। यूपी में 396 विधायकों में से 95 विधायको की शैक्षिक योग्यता आठवीं से 12वीं है।