आरयू वेब टीम। अहमदाबाद में विमान हादसे के मामले में एयर इंडिया पर एक बार फिर से संकट के बादल मंडरा रहे हैं। मामले की जांच करते हुए एविएशन रेगुलेटर नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एयर इंडिया के फ्लाइट क्रू शेड्यूलिंग में गंभीर लापरवाही पाए जाने के बाद तीन वरिष्ठ अधिकारियों को पद से हटाने का आदेश दिया है। ये फैसला उस जांच के बाद लिया गया जिसमें सामने आया कि फ्लाइट क्रू को बिना जरूरी लाइसेंस, रेस्ट और नियामक शर्तों के ड्यूटी पर लगाया गया था।
डीजीसीए द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में यह चौंकाने वाली बातें सामने आईं, जिसमें कहा गया है कि नियमों की अनदेखी कर ऐसे क्रू मेंबर को साथ में ड्यूटी पर लगाया गया जिनके दस्तावेज या योग्यता अधूरी थी। वहीं, कुछ पायलटों और क्रू को बिना वैध लाइसेंस या रीसेन्सी टेस्ट के उड़ान के लिए भेजा गया। साथ ही जिस सिस्टम से फ्लाइट क्रू की ड्यूटी तय की जाती है, उसमें गंभीर तकनीकी और मानव त्रुटियां मिलीं।
डीजीसीए ने आदेश जारी करते हुए कहा कि तीनों दोषी अधिकारियों को तत्काल हटाया जाए। दस दिनों के भीतर इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की जाए और इन्हें किसी भी ऑपरेशनल कार्य से हटाकर नॉन-ऑपरेशनल भूमिका में भेजा जाए। डीजीसीए
ने स्पष्ट किया कि आगे कोई उल्लंघन पाया गया तो एयर इंडिया के खिलाफ लाइसेंस निलंबन, जुर्माना, या उड़ान अनुमति रद्द करने जैसी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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एयर इंडिया को एक और झटका तब लगा जब डीजीसीए ने एक शो-कॉज नोटिस जारी किया। आरोप यह है कि बेंगलुरु से लंदन जाने वाली फ्लाइट्स (AI133) 16 और 17 मई 2025 को नियंत्रित उड़ान समय सीमा से ज्यादा देर तक चलाई गईं, जो कि सिविल एविएशन रेगुलेशन (सीएआर) के प्रावधानों का उल्लंघन है।
जांच की प्रमुख बातें
उड़ान AI133 ने दस घंटे से अधिक उड़ान समय तय किया, जबकि यह अधिकतम सीमा है।
यह CAR Section 7, Series J, Part III, Issue III (24 अप्रैल 2019) के तहत उल्लंघन माना गया है।
अकाउंटेबल मैनेजर डीजीसीए के अनुसार इस नियम के अनुपालन में विफल रहे।
डीजीसीए ने एयर इंडिया को आदेश दिया है कि सात दिनों के अंदर जवाब दें कि डीजीसीए उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न करे. जवाब न मिलने की स्थिति में एकतरफा कार्रवाई की जा सकती है, जिसमें लाइसेंस निलंबन, आर्थिक जुर्माना या अन्य दंडात्मक कदम उठाए जाएंगे।