आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के सातवें चरण में 54 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने वाले 613 में से 607 उम्मीदवारों के शपथ पत्रों का विश्लेषण किया है। 607 में से 170 (28 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किये है वहीं गंभीर आपराधिक मामले 131 (22 प्रतिशत) उम्मीदवारों पर दर्ज हैं। वही छह उम्मीदवारों का शपथ पत्र स्पष्ट नहीं होने के कारण उनका विष्लेषण नहीं किया जा सका।
राजनीतिक दलों के आधार पर बात की जाए तो सबसे ज्यादा सपा के 45 में से 26 उम्मीदवारों पर अपराधिक मामले दर्ज हैं। इस प्रकार सपा के करीब 58 प्रतिशत प्रत्याशियों पर अपराधिक मामले हैं। वहीं भाजपा के भी 44 फीसद यानि की 47 में 26 उम्मीदवारों पर अपराधिक मुकदमें दर्जं हैं।
वहीं इस मामले में तीसरे नंबर पर बसपा है कि उसके कुल 52 में से 38 प्रतिशत उम्मीदवारों पर अपराधिक मामले दर्ज हैं। इसके अलावा कांग्रेस 54 में से 37 प्रतिशत प्रत्याशियों पर अपराध के मामले हैं। वहीं आम आदमी पार्टी के 47 उम्मीदवारों में से 17 फीसदी प्रत्याशियों पर अपराधिक मुकदमें हैं।
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार गंभीर आपराधिक मामलों के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो इसमें भी सपा के ही उम्मीदवार सबसे आगे है। तीसरे चरण के चुनाव में सपा के 44 प्रतिशत, जबकि भाजपा के 40 फीसदी उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मुकदमें दर्ज हैं। वहीं अंतिम चरण के चुनाव में बसपा के 25 फीसदी, कांग्रेस के 22 प्रतिशत व आप के 15 फीसदी उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
इसके अलावा सातवें चरण में उम्मीदवारों द्वारा घोषित आपराधिक मामलों में पहले स्थान पर प्रगतिशील मानव समाज पार्टी के प्रत्याशी विजय मिश्रा हैं। भदोही जिले की ज्ञानपुर विधानसभा सीट से किस्मत आजमा रहें विजय मिश्रा पर 50 गंभीर धाराओं वाले 24 मुकदमें दर्ज हैं।
वहीं दूसरे नंबर पर बसपा के उम्मीदवार राज कुमार सिंह गौतम हैं। राज कुमार गाजीपुर विधानसभा सीट से अंतिम चरण में मैदान में हैं। उन पर 11 मुकदमें दर्ज हैं और 25 गंभीर धाराएं पुलिस ने लगाई है।
वहीं तीसरे नंबर पर कांग्रेस के उम्मीदवार अजय राय हैं। वाराणसी की पिंडर विधानसभा से चुनाव लड़ने वाले अजय राय पर 18 गंभीर धाराओं के तहत 17 अपराधिक मुकदमें दर्ज हैं।
एडीआर के अनुसार अंतिम चरण चुनाव के 11 उम्मीदवारों ने महिलाओं के ऊपर अत्याचार से संबंधित मामले भी घोषित किये है। इन 11 में से दो उम्मीदवार पर बलात्कार तक का मुकदमा दर्ज है, जबकि सात उम्मीदवारों पर हत्या का मुकदमा चल रहा है, जबकि 25 प्रत्याशियों पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज है।
वहीं करोड़पति उम्मीदवारों कि बात करें तो 607 में से 217 प्रत्याशी सातवें चरण में करोड़पति है। राजनीतिक पार्टी के आधार पर बीजेपी ने सबसे अधिक 85 प्रतिशत करोड़पतियों को टिकट दिया है। उसके 47 में से 40 प्रत्याशी करोड़पति हैं, जबकि सपा 45 में से 37 यानि 82 फीसदी प्रत्याशियों के पास करोड़ों की चल-अचल संपत्ति हैं।
इसके अलावा बसपा के 52 में से 41 (79 फीसदी) व कांग्रेस के 54 में से 22 (41 प्रतिशत), आप के 47 में से 15 (32 प्रतिश) उम्मीदवार करोड़पति हैं।
वहीं अंतिम चरण में सबसे अधिक संपत्ति घोषित करने वाले टॉप तीन उम्मीदवारों में पहले नंबर पर एआइएमआइएम के उम्मीदवा गुड्डू जमाली हैं। गुड्डू आजमगढ़ की मुबारकपुर विधानसभा से अपनी किस्मत आजमा रहें हैं। गुड्डू जमाली ने अपनी संपत्ति 195 करोड़ रुपये घोषित की है।
दूसरे नंबर पर वाराणसी के पिंडर विधानसभा सीट से बसपा के उम्मीदवार बाबू लाल है। जिनकी संपत्ति 44 करोड़ हैं। वहीं तीसरे नंबर पर भी बसपा के प्रत्याशी का ही नाम है। आजमगढ़ की निजामाबाद सीट से बीएसपी उम्मीदवार पियूष कुमार सिंह ने अपनी संपत्ति 34 करोड़ बतायी है।
रिपोर्ट के अनुसार सातवें चरण में उम्मीदवारों की औसतन संपत्ति 2.55 करोड़ रुपये हैं। वही 233 (38 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपनी देनदारी घोषित की है, जबकि 33 (5 फीसदी) उम्मीदवारों ने अपना पैन विवरण घोषित नहीं किया हैं।
महिलाओं के अधिकारों की बात करने वाली पार्टियों ने नहीं किया महिलओं पर अधिक भरोसा
वहीं सातवें चरण में भी राजनीतिक पार्टियों ने महिलाओं पर बेहद कम भरोसा जताया है। महिलाओं के अधिकारों की बात करने वाली राजनीतिक पार्टियों ने ही टिकट देने के मामले में उनपर बेहद कम भरोसा जताया है। यही वजह है कि इस चरण में मात्र 12 प्रतिशत यानि 75 महिलाएं ही मैदान में हैं। दलों के आधार पर सबसे अधिक कांग्रेस ने महिलाओं को टिकट दिया है।
इसके अलावा उम्मीदवारों में शिक्षा के स्तर की बात की जाए तो सातवें चरण में 214 (35 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता 5वीं और 12वीं के बीच घोषित की है, जबकि 346 (57 फीसदी) उम्मीदवारों ने शैक्षिक योग्यता स्नातक और इससे ज्यादा घोषित की हैं। 10 उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता डिप्लोमा धारक घोषित की हैं वहीं 30 उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता साक्षर और वरी उम्मीदवारों ने योग्यता असाक्षर घोषित की है।
इसके साथ ही अंतिम चरण के चुनाव में 224 (37 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपनी आयु 25 से 40 वर्ष के बीच घोषित की हैं, जबकि 398 (49 फीसदी) उम्मीदवारों ने अपनी उम्र 41 से 60 साल के बीच घोषित की हैं। साथ ही 83 (14 फीसदी) उम्मीदवारों ने अपनी आयु 61 से 80 वर्ष के बीच घोषित की हैं, जबकि इस चरण में दो उम्मीदवार ऐसे भी हैं जिनकी उर्म 80 साल के पार है।