आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज योगी सरकार के साथ ही केंद्र की मोदी सरकार पर भी जमकर हमला बोला है। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा की केंद्र और राज्य सरकार अपने चुनावी वादे निभाने में पूरी तरह से फेल हैं।
वहीं केंद्र की योजना पर तंज कसते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वाराणसी वाले जापान का क्योटो शहर बनने का सपना देखते रह गए। बुलेट ट्रेन का भी अता पता नहीं है। जबकि प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र होने के बाद भी वर्तमान में वाराणसी शहर की बदहाली किसी से छिपी नहीं है।
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अमित शाह के यादव परिवार में भोजन करने पर पूर्व मुख्यमंत्री बोले कि भाजपा नेतृत्व वोट बैंक की राजनीति को हवा देने में लगा है। अब भोजन को भी जाति से जोड़कर भाजपा ने अपनी घटिया मानसिकता का प्रदर्शन कर दिया है। विधायकों की खरीद फरोख्त हो रही है, क्योंकि भाजपा नेता जनता के बीच जाने से घबरा रहे हैं। जनता भाजपा की वादा खिलाफी, विकास कार्यों में नाकामी और आम आदमी को प्रताड़ित किए जाने की वजहों से असंतुष्ट है और वह अभी से योगी सरकार से त्रस्त हो गई है।
वहीं अखिलेश यादव ने यह भी दावा किया कि भाजपा का जनता से सिर्फ वोट का रिश्ता है। वह जाति-संप्रदाय की राजनीति कर सामाजिक सद्भाव को तोड़ती है और लोगों के बीच नफरत तथा अलगाव पैदा करती है। भाजपा का जनता के दुख-दर्द से कोई मतलब नहीं है।
केंद्र अड़ंगा नहीं लगाता तो दौड़ रही होती मेट्रो
वहीं राजधानी में मेंट्रो के उद्घाटन पर अखिलेश यादव ने कहा कि बिना केंद्र के सहयोग के लखनऊ में मेट्रो रेल भी पटरी पर दौड़ी थी। केंद्र उस समय एनओसी में अड़ंगा नहीं लगाता तो अब तक हजारों लोग रोज मेट्रों से यात्रा कर रहे होते।
तीन साल में केंद्र नहीं बनी सकी एक भी एक्सप्रेस वे
एक्सप्रेस वे पर अपने एक बयान में अखिलेश यादव ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार तीन साल में भी समाजवादी सरकार के समय बने एक्सप्रेस-वे जैसा एक एक्सप्रेस-वे भी नहीं बना पाई हैं। जबकि हमने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे 22 महीनों में ही बनवाकर दिखा दिया था। इस एक्सप्रेस-वे से लखनऊ से नोएडा की दूरी पांच घंटे में तय हो जाती है, जबकि शताब्दी ट्रेन इससे ज्यादा समय लेती हैं।
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प्रदेश के हालात पर अखिलेश ने कहा कि किसान, नौजवान, गरीब सब परेशान हैं। गरीब की गाढ़ी कमाई बैंकों में जमा हो गई। कानून-व्यवस्था का यह हाल है कि महिलाओं की इज्ज्त बच नहीं रही है। व्यापारी, राज्य कर्मचारी, शिक्षामित्र सभी आंदोलित हैं।