आरयू ब्यूरो, लखनऊ। पहले भारतीय रेलवे द्वारा पांच साल से ज्यादा के बच्चों का रेल टिकट लिया जाता था, लेकिन बताया जा रहा है कि बीते कुछ दिनों से अब पांच साल की जगह एक साल से ज्यादा के बच्चों का ट्रेन में टिकट का पूरा पैसा देना पड़ रहा है। इसको लेकर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर तंज कसा है।
इस मामले पर अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा, “एक साल के बच्चों पर फुल रेल टिकट लगाने वाली भाजपा सरकार का शुक्र मनाइए कि उसने ये नहीं कहा कि गर्भवती महिला से रेल में अतिरिक्त टिकट वसूला जाएगा। रेल अब गरीबों की नहीं रही। अब जनता भाजपा की फुल टिकट काटेगी।”
बताया जा रहा है कि रेलवे ने नियमों में बदलाव कर दिया है। रेलवे ने अब पांच साल से कम के बच्चों के लिए भी टिकट अनिवार्य कर दिया है, अब केवल एक साल से कम के बच्चों का टिकट नहीं लगेगा। पहले ये सीमा पांच साल तक थी। इसी मुद्दे को लेकर सपा प्रमुख ने बीजेपी पर निशाना साधा है।
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इससे पहले भी भारतीय रेलवे ने रेल सफर करने वाले सीनियर सिटीजन और खिलाड़ियों समेत दूसरे कैटगरी के यात्रियों को रियायती टिकट की सेवा फिर से शुरू किए जाने से इंकार कर दिया था। रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने कहा था कि रेलवे के पैसेंजर सेगमेंट का किराया पहले से ही काफी कम है। उन्होंने कहा था कि अलग-अलग कैटगरी के लोगों को रियायती टिकट दिए जाने के चलते भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है। कम किराया होने के चलते रेलवे को हर रेल यात्री के औसत किराया का 50 फीसदी भार खुद उठाना पड़ रहा है।