अखिलेश का सीएम योगी पर निशाना, “यूपी के हर विभाग में हो रहा भ्रष्‍टाचार, जुमला बनीं जीरो टॉलरेंस की नीति”

विधायकी जाने के बाद
फाइल फोटो।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। भ्रष्‍टाचार के मुद्दे को लेकर गुरुवार को सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने सीएम योगी पर निशाना साधा है। अखिलेश ने कहा है कि यूपी के हर विभाग में भ्रष्‍टाचार हो रहा है, जबकि मुख्यमंत्री की कथित जीरो टॉलरेंस नीति सिर्फ जुमला बनकर रह गयी है।

आज अपने एक बयान में अखिलेश ने बीजेपी को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि आजादी के 75 साल पर आयोजित “अमृत महोत्सव” भाजपा का दिखावा मात्र है। भाजपाई राष्ट्रवाद के नाम पर केवल अपना स्वार्थवाद ही पूरा करना जानते हैं। उनके लिए लोकतंत्र केवल कहने-सुनने को है। अमृत महोत्सव को जन-जीवन के उत्साह से जोड़ने की जगह भाजपाई रंग देने का प्रयास देश के लिए मर मिटने वाले शहीदों का अपमान है। भाजपा के इस खेल को जनता नापसंद करती है। भाजपा की दागदार सरकार में धांधली का साम्राज्य है।

यूपी के पूर्व सीएम ने योगी सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि भ्रष्‍टाचार प्रदेश में पीडब्लूडी, स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग के तबादलों में पूरी धंधेबाजी नजर आई। जांच के नाम पर कुछ ठोस परिणाम नहीं आये। घपला, घोटाला करने वाले अपनी-अपनी कुर्सियों पर जमे हैं। मुख्यमंत्री रिपोर्ट मांग लेते हैं, अफसर उस पर कुंडली मारकर बैठ जाते है।

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पुलिस की उत्पीड़न की कार्यवाहियां जारी है, मुख्यमंत्री जी अब इस सबसे बेखबर बन गये है, क्योंकि उनका कोई नियंत्रण गृह विभाग पर नही रह गया है। मैनपुरी में पुलिस पिटाई से परेशान होकर एक युवक ने जान दे दी। खुद पुलिस वाले भी अपने विभाग में शिकार बन जाते हैं। एक पुलिस वाला रो-रोकर बता रहा है कि उसे इतना खराब खाना दिया जा रहा है जिसे जानवर भी न खाए। वह कहता है कि अफसर सुनते नहीं, वह किससे शिकायत करे। अमृत महोत्सव में वह भूखोत्सव मनाने को विवश है।

अखिलेश ने आगे कहा कि बदहाल बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार का प्रतीक बन गया है। प्रधानमंत्री द्वारा उद्द्घाटन किए जाने के बाद से ही बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे में हुए भ्रष्टाचार की पोल खुलती जा रही। जगह-जगह गड्ढे, टूटी सड़के और अधूरा निर्माण। इसकी ईडी और सीबीआइ जांच कब होगी? बताए सरकार। शिवगढ़ के पास 117 करोड़ में बनी सड़क मात्र दो साल में जगह-जगह धंस गई।

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भाजपाई राष्ट्रवाद के नाम पर केवल अपना स्वार्थवाद ही पूरा करना जानते हैं। उनके लिए लोकतंत्र केवल कहने-सुनने को है। अमृत महोत्सव को जनजीवन के उत्साह से जोड़ने की जगह भाजपाई रंग देने का प्रयास देश के लिए मर मिटने वाले शहीदों का अपमान है। भाजपा के इस खेल को जनता नापसंद करती है।