आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज एक बार फिर उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं पर चिंताते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा है। साथ ही कहा कि अस्पतालों में मरीजों की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही। डेंगू का प्रकोप भी बढ़ रहा है। भाजपा सरकार दावे तो बड़े-बड़े करती हैं, लेकिन हकीकत में अस्पतालों में न डाक्टर हैं और नहीं दवाएं है। मरीजों का कोई पुरसाहाल नहीं रहा है।
आज अपने एक बयान में यूपी के पूर्व सीएम ने कहा कि इन दिनों डेंगू के मरीज बढ़ रहे हैं। ग्रेटर नोएडा में दो सौ से ज्यादा डेंगू के मरीज मिले हैं। इससे डाक्टर अक्षिता सिंह की मौत की खबर भी विचलित करने वाली है। राजधानी लखनऊ में भी डेंगू के मरीज मिल रहे हैं। शहर लखनऊ में डेंगू का डंक लगातार तेज हो रहा है। जिससे चंदरनगर में छह पुरूष चार महिलाएं, इन्दिरानगर में दो महिला एक पुरूष, अलीगंज में तीन महिलाएं, हजरतगंज में एक पुरूष एक महिला डेंगू पीड़ित पाए गए।
अखिलेश ने कहा कि शनिवार को 15 नए मरीजों के डेंगू ग्रस्त होने की खब़र मिली। रविवार को 18 नए मरीज डेंगू के मिले। डेंगू के बढ़ते प्रकोप के बावजूद अभी शहर में दवा के छिड़काव की कोई सुचारू व्यवस्था नहीं हो पाई है। अस्पतालों में आम मरीजों के साथ ही डेंगू मरीजों को भी उपचार के लिए लाइन में लगना पड़ता है।
मैनपुरी के घिरोर में सीएचसी में बच्ची को लेकर दो घंटे मां भटकती रही फिर भी उसे इलाज नहीं मिला।
हमला जारी रखते हुए सपा अध्यक्ष ने कहा कि शाहजहांपुर के जिला अस्पताल में मरीजों को बेड नहीं मिल रहे है। फर्श पर लिटाकर मरीजों का इलाज हो रहा है। कानपुर में स्ट्रेचर न मिलने पर गर्भवती पत्नी को गोद में लेकर पति इमरजेंसी पहुंचा। यहां डफरिन अस्पताल में स्ट्रेचर तक नसीब नहीं हुआ। ओपीडी से चार डाक्टर और सात कर्मचारी गायब पाए गए। यहां तक की राजधानी लखनऊ में एक रिटायर्ड जज को भी चिकित्सा, संस्थानों में इलाज नहीं मिल सका। रायबरेली एम्स, एसजीपीजीआइ, केजीएमयू ट्रामा सेंटर, बलरामपुर अस्पताल के चक्कर लगाने के बाद एक निजी अस्पताल में भर्ती हुए। कहीं बेड का संकट तो कहीं ऑक्सीजन की दिक्कत।
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सपा मुखिया ने योगी सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए यह भी कहा कि भाजपा सरकार ने 102 और 108 एम्बुलेंस सेवा को बर्बाद कर दिया। अस्पतालों में इलाज की समुचित व्यवस्था नहीं है। जहां विशेषज्ञ डॉक्टर चाहिए वहां विशेषज्ञों की कमी है और जहां जरूरत नहीं वहां कई-कई विशेषज्ञ नियुक्त हैं। अस्पतालों में धांधली की वजह से जनता परेशानी उठा रही और भाजपा सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है। जनता 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की विदाई करके इन सबका हिसाब चुकता करेगी।