आरयू ब्यूरो, लखनऊ। संभल में हिंसा व पांच युवकों की गोली मारकर की गयी हत्या को लेकर यूपी की योगी सरकार लगातार सवालों के घेरे में है। आज सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने एक बार फिर उस पर निशाना साधते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं। अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार को तरक्की, खुशहाली, विकास से कोई मतलब नहीं है। भाजपा का काम समाज में नफरत फैलाना, संविधान विरोधी काम करना, लोकतंत्र की हत्या करना है।
अपने एक बयान में यूपी के पूर्व सीएम ने योगी सरकार के साथ ही चुनाव आयोग की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा ने उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में जनता को वोट नहीं डालने दिया। यूपी का उपचुनाव पहले 13 नवंबर को था, जब भाजपा को जानकारी हुई कि बहुत सारे लोग त्योहारों में अपने गांव आये थे और वे वोट डालकर वापस जाएंगे तो बीजेपी ने उपचुनाव की तारीख बदलवाकर 20 नवंबर करा दी।
पोल खुलने के डर से सरकार ने कराई हिंसा
अखिलेश ने आगे कहा कि इससे ठीक पहले 19 तारीख को आनन-फानन में संभल में सर्वे कराकर तनाव बढ़ाने और माहौल खराब करने का प्रयास किया, जब उस दिन सब कुछ शांत रहा तो फिर षडयंत्र के तहत दोबारा सर्वे की योजना बनायी। चुनाव में हुई धांधली की पोल न खुले इसके लिए भाजपा सरकार ने संभल की घटना करायी। भाजपा की ये सत्ता भूख की लड़ाई है। पूरे घटनाक्रम पर सवाल उठाते हुए अखिलेश ने कहा कि दोबारा सर्वे के दौरान जा रही टीम के साथ जो लोग नारे लगा रहे थे, सरकार ने उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की।
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आखिर सरकार क्या छिपाना चाह रही
वहीं राहुल गांधी को आज संभल नहीं जाने देने पर पूर्व सीएम ने कहा कि भाजपा सरकार किसी भी दल के नेता को संभल नहीं जाने दे रही, आखिर सरकार क्या छिपाना चाह रही है। संभल जाने पर प्रतिबंध लगाना सरकारी प्रबंधन की नाकामी है। संभल में सौहार्द शांति का माहौल बिगड़ा तो उसके लिए भाजपा सरकार अपनी जिम्मेदारी से कैसे मुंह चुरा सकती है। सबूतों, तथ्यों, माहौल को देखने पर सबको नजर आएगा कि ये हिंसा प्रायोजित थी और सारा कांड साजिशन हुआ। भाजपा का झूठ कब तक सच पर पर्दा डालेगा।
अधिकारी किस तरह की भाषा का प्रयोग कर रहें?
संभल के अफसरों की भूमिका पर संदेह जताते हुए पूर्व सीएम ने कहा कि संभल में अधिकारी किस तरह की भाषा का प्रयोग कर रहें? क्या लोकतंत्र में अधिकारी इस तरह की भाषा और व्यवहार कर सकते है? उन्होंने कहा कि संभल में प्रशासन पीड़ितों को न्याय नहीं दे रहा है। निर्दोषों को फंसाने का काम कर रहा है। पीड़ित परिवारों पर दबाव बनाया जा रहा है। भाजपा की तानाशाही अब ज्यादा चलने वाली नहीं।