आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने फर्जी वोटर लिस्ट के मामले में चुनाव आयोग पर तीखा हमला बोला है। सपा मुखिया ने मांग कर कहा कि चुनाव आयोग को फौरन जिम्मेदार जिलाधिकारियों को सस्पेंड करना चाहिए, तभी फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी। साथ ही आरोप लगाया कि जब अधिकारी ही वोट चुराने के लिए अपराधी बन जाएंगे, तो सरकार और चुनाव आयोग को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
सपा मुखिया ने रविवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि “सबसे ज्यादा फर्जी वोट भाजपा ने बनवाए जब उन्हें वोट की कमी पड़ गई जीतने के लिए तो उन्होंने पुलिस आगे कर दी। हम इलेक्शन कमीशन से शिकायत करते रहे, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की।” आगे कहा कि बाई इलेक्शन में मुख्यमंत्री खुद बूथ लुटवा रहे थे। मीरापुर और कुंदरकी में जो कमिश्नर, डीएम और एसएसपी हैं क्या वो वोट बढ़वाने के लिए अपनी फौज लेकर टहल रहे थे? वो एसएसपी घूम रहे थे कि वोट डालने के लिए बाहर मत निकलना घर से, क्या हमने आपने वो रिवाल्वर नहीं देखी जो महिलाओं पर तान दी गई थी।”
अखिलेश यादव ने यह बयान ऐसे समय में दिया है, जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव लगातार चुनाव आयोग पर सवाल उठा रहे हैं। राहुल गांधी ने कर्नाटक में एक विधानसभा सीट पर लाखों फर्जी वोटर होने का आरोप लगाया है, जबकि तेजस्वी यादव ने बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा पर दो अलग-अलग ईपीआइसी नंबर रखने का दावा किया है। अखिलेश ने कहा कि आयोग को ऐसे अधिकारियों पर तुरंत कार्रवाई कर एक मिसाल कायम करनी चाहिए।
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मीडिया द्वारा तेजस्वी यादव के आरोपों पर सवाल पूछने पर अखिलेश ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अगर उनके डिप्टी सीएम के पास दो ईपीआइसी नंबर हैं, तो यहां सीएम वोट लूट की सुविधा दे रहे थे। उन्होंने अयोध्या और मीरापुर में हुए चुनावों का भी जिक्र किया और कहा कि वहां अधिकारियों ने लोगों को वोट डालने से रोकने की कोशिश की। उन्होंने सवाल पूछा, क्या चुनाव आयोग सो रहा था? इसीलिए हम उन्हें सफेद ‘चादर’ चढ़ाने गए थे।