आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार को मुंबई में हाल ही में एक जैन मंदिर को ढहाए जाने पर चिंता व्यक्त की और भाजपा सरकारों पर पूरे भारत में शांतिपूर्ण जैन समुदाय को निशाना बनाने का आरोप लगाया। साथ ही कहा कि वर्तमान समय में देश में अल्पसंख्यक होना एक अभिशाप बनता जा रहा है।
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सपा मुखिया ने शुक्रवार को अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर जैन समुदाय को संबोधित करते हुए एक बयान पोस्टकर कहा कि आज अल्पसंख्यक जैन समुदाय के मध्य भय, असुरक्षा और अनिश्चितता की जो भावना व्याप्त है, वो अत्यधिक चिंता का विषय है। जिसकी चर्चा, निंदा और आक्रोशपूर्ण प्रतिक्रिया संपूर्ण विश्व में हो रही है।
जैन समाज पर अचानक बढ़ती जा रही हमले की घटना
इस दौरान सपा मुखिया ने कई घटनाओं का जिक्र कर कहा शांतिप्रिय जैन समाज पर अचानक बढ़ते जा रहे हमलों की कड़ी में यदि मध्य प्रदेश के सिंगोली थाना क्षेत्र में एक मंदिर के प्रांगण में जैन मुनियों पर हुआ हिंसक हमला शारीरिक हमले की श्रेणी में आता है।
– जबलपुर में भाजपाई और उनके संगी-साथी के बीच लीक हुए टेलीफोनिक ऑडियो में जैनियों के बारे में की गयी बेहद दुर्भावनापूर्ण-आपत्तिजनक टिप्पणियां एक वाचिक हमला रहा।
– मुंबई में जैन मंदिर के ध्वस्तीकरण और जैन तीर्थंकरों की मूर्तियों, जिनवाणी व अन्य पूजनीय ग्रंथों और शास्त्रों का निर्वासन और निरादर बेहद गंभीर और घोर निंदनीय कुकृत्य की श्रेणी में आएगा।
व्यक्तिगत संपत्तियों पर भी आंख गड़ाए बैठा है
वहीं अखिलेश ने सवाल पूछते हुए कहा कि आखिर ये क्यों होता है कि जहां-जहां भी भाजपा सरकारें हैं, वहां-वहां जैनियों के तीर्थस्थलों, मंदिरों, जिनालयों, चैत्यालयों, समाजसेवी संस्थानों और समाज के साथ ऐसी विद्वेषपूर्ण घटनाएं हो रही हैं। भाजपा समर्थित एक ऐसा बहुत बड़ा वर्ग है, जो जैनियों की धार्मिक, सार्वजनिक, व्यापारिक- व्यावसायिक ही नहीं बल्कि व्यक्तिगत संपत्तियों पर भी आंख गड़ाए बैठा है और जैनियों को अल्पसंख्यक ही मानकर उनसे उनका सब कुछ छीन लेना चाहता है।
गिरनार जी’ के मंदिर पर कब्जे का प्रकरण हो या…
अखिलेश ने आगे यह भी कहा कि चाहे भाजपा शासित गुजरात में ‘श्री गिरनार जी’ के मंदिर पर कब्जे का प्रकरण हो या ‘श्री सम्मेद शिखर जी’ पर केंद्र की भाजपा सरकार का आपत्तिजनक हस्तक्षेप या फिर कुछ साल पहले भाजपा राज में ही उत्तर प्रदेश के बागपत- बड़ौत के एक जैन कॉलेज की वो घटना, जिसमें जैनियों की पूज्य ‘श्रुतिदेवी’ की प्रतिमा स्थापित करने का उग्र विरोध भाजपाई संगी-साथियों ने किया था या फिर मध्य प्रदेश के नीमच में एक बुजुर्ग जैन 65 वर्षीय ‘भंवरलाल जैन’ को भाजपा सत्ता समर्थित एक प्रभुत्वशाली व्यक्ति द्वारा थप्पड़ मार-मारकर मार डालने की वीभत्स घटना।
माफी मांगने का किया नाटक
सपा सुप्रीमो ने हमला जारी रखते हुए कहा कि ये सब कुछ जैन समुदाय के उत्पीड़न के ही मामले हैं। ये तो वो घटनाएं हैं जो प्रकाश में आकर उजागर हो गयीं नहीं तो न जाने ऐसे कितने प्रकरण हैं, जहां जैन समाज को प्रताड़ित करने का काम वर्चस्ववादी ताकतें हमेशा करती रही हैं। जैन समाज आज भाजपा से पूछ रहा है कि भाजपा की निगाह में हमारा महत्व क्या सिर्फ चंदा देने तक सीमित है, हमारे धर्म की और हमारी रक्षा कौन करेगा? जब हम दबाव डालते हैं तो हर बार बाद में माफी मांगने का नाटक किया जाता है। मंदिर को दुबारा बनाने से मूर्तियों, पूजनीय पुस्तकों और जैन समाज-समुदाय का जो अपमान हुआ है, क्या वो वापस आएगा?
किसी के सगे नहीं भाजपाई
आगे कहा कि एक अनुकरणीय आदर्श आचार-सहिंता के रूप में जैन समाज का भारतीय धर्म, दर्शन, संस्कृति, शिक्षा, सदाचार, समाजसेवा, जीवन मूल्यों पर आधारित ‘जियो और जीने दो’ का महान संदेश देने वाला सहनशीलता व क्षमाशीलता सिखानेवाला मानवीय व्यवहार व समस्त प्राणियों के प्रति करुणा, प्रेम और अहिंसा का सह अस्तित्वकारी सिद्धांत और साथ ही अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में जो सर्वाधिक अनुपातिक असीम योगदान है, वो अतुलनीय है। ऐसे में सत्ताधारी भाजपाइयों द्वारा की गयी ऐसी हतोत्साहित करनेवाली घटनाएं जैन समुदाय को चाहकर भी कमजोर नहीं कर पाएंगी क्योंकि वो अल्पसंख्यक के रूप में उस 90 प्रतिशत जनसंख्या का हिस्सा हैं, ‘पीडीए’ के समेकित रूप में, जिनकी रक्षा-सुरक्षा और एकजुटता का संकल्प हम सबने लिया है। इस कठिन समय में हम सब जैन समाज के साथ हैं। साथ ही आगाह करते हुए सपा मुखिया ने कहा कि जैन समाज याद रखे, भाजपाई किसी के सगे नहीं हैं।