आरयू ब्यूरो, लखनऊ। लंबे समय के इंतजार, धरना प्रदर्शन व कोर्ट की तारीखों के बाद मंगलवार को आखिरकार हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती के मामले की सुनवाई पूरी हो गयी है। इसके साथ ही कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। जिसका अभ्यर्थियों को अब बेसब्री से इंतजार है।
लखनऊ खंडपीठ के न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल और न्यायमूर्ति करुणेश सिंह पवार की खंडपीठ के समक्ष मामले में राज्य सरकार समेत अन्य अभ्यर्थियों की विशेष अपीलों की सुनवाई पूरी हो गयी है।
अपीलों में एकल न्यायाधीश के उस फैसले व आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें भर्ती परीक्षा में न्यूनतम अर्हता अंक सामान्य वर्ग के लिए 45 और आरक्षित वर्ग के लिए 40 फीसदी रखे जाने के निर्देश सरकार को दिए गए थे।
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उल्लेखनीय है कि बीते साल छह जनवरी 2019 को लिखित परीक्षा के एक दिन बाद नया कटऑफ लागू करने के बाद जो विवाद हुआ उसका नतीजा है कि 14 महीने में परिणाम घोषित नहीं हो सका है। इस भर्ती के लिए दिन-रात एक कर तैयारी करने वाले अभ्यर्थी परेशान हैं।
वहीं परीक्षा के अगले दिन सात जनवरी 2019 को पासिंग मार्क 60/65 प्रतिशत कर दिया गया। जबकि भर्ती के शासनादेश में इसका कोई जिक्र नहीं था। अभ्यर्थियों ने कटऑफ के खिलाफ 11 जनवरी 2019 को याचिका की। जिस पर हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने कटऑफ 40/45 फीसदी करने का आदेश दिया। इसके खिलाफ सरकार ने 22 मई को डबल बेंच में याचिका दायर की थी। लिखित परीक्षा में टीईटी पास 410440 अभ्यर्थी शामिल हुए थे।
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डबल बेंच में सरकार की तरफ से याचिका दायर होने के बाद से मामला लंबित है। इस दौरान कई तारीख पर महाधिवक्ता के उपस्थित नहीं होने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी। प्रभावी पैरवी के लिए अभ्यर्थियों ने 27 अगस्त और 11-12 सितंबर को लखनऊ में धरना भी दिया। 17 सितंबर को प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर ट्विटर पर भी अभ्यर्थियों ने भर्ती निपटाने के लिए पैरवी व अन्य बिन्दुओं को लेकर व अधिकारी व नेताओं से गुहार लगायी थी।