आरयू वेब टीम। भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में एक साल से भी ज्यादा समय से तनतनी जारी है। ड्रैगन पर भरोसा न करते हुए भारतीय सेना किसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहती है। इस बीच चीन ने एक बार फिर से उकसावे भरा कदम उठाया है। रिपोर्ट के मुताबिक चीनी वायुसेना ने हाल ही में पूर्वी लद्दाख के पास अपने हवाई अड्डों से एक बड़ा हवाई अभ्यास किया है।
पूर्वी लद्दाख के सामने करीब दो दर्जन चीनी लड़ाकू विमानों ने अभ्यास किया है। इसके बाद से ही भारतीय सेना अलर्ट मोड पर है और चीन की गतिविधियों पर पैनी नजर बनाए हुए है। रक्षा सूत्रों का कहना है कि चीनी सेना के इस अभ्यास में लगभग 21-22 चीनी लड़ाकू विमानों ने हिस्सा लिया। इनमें मुख्य रूप से जे -11 शामिल थे। इसके अलावा जे-16 विमान भी उड़ान भरते हुए नजर आए, जिसे देखते हुए भारतीय सेना भी पूरी तरह से सतर्क है और चीन की हरकतों पर कड़ी नजर बनाए है।
यह भी पढ़ें- LAC की ठंड से बेबस हुए चीनी सैनिक, ड्रैगन ने 90 फीसदी फौज को किया रोटेट
बता दें कि चीन की हरकतों को देखते हुए भारतीय सेना ने पिछले साल से सीमा पर बड़ी संख्या में सैनिकों और लड़ाकू विमानों की तैनाती कर रखी है। सूत्रों के मुताबिक इस अभ्यास के दौरान चीनी लड़ाकू विमान अपनी सीमा में थे। भले ही चीन ने पैंगोंग झील क्षेत्र से अपनी सेना को हटा लिया हो, लेकिन उसने एचक्यू-9 और एचक्यू-16 समेत अपनी एयर डिफेंस सिस्टम को वहां से नहीं हटाया है। ये लंबी दूरी पर विमान को निशाना बना सकता है। भारत ने झिंजियांग और तिब्बत क्षेत्र में होटन, गार गुंसा, काशघर, होपिंग, लिंझी और पंगट एयरबेस में हवाई क्षेत्रों सहित चीनी वायु सेना की गतिविधियों को करीब से देखा है।
चीनी लड़ाकू विमानों की गतिविधियां उसके ठिकानों से हुईं, जिनमें होतान, गार गुन्सा और काशगर हवाई क्षेत्र शामिल हैं। इन ठिकानों को हाल ही में सभी तरह के लड़ाकू विमानों को चलाने और हवाई अड्डों पर मौजूद सैनिकों की संख्या को छिपाने के लिए तैयार किया गया है।