संसद में बोले विदेश मंत्री, चीन को किया स्पष्ट, LAC पर एकतरफा बदलाव की कोशिश भारत नहीं करेगा बर्दाश्त

संसद शीतकालीन सत्र

आरयू वेब टीम। संसद का शीतकालीन सत्र बुधवार से शुरू हुआ है। जिसमें चीन-भारत संबंध पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद में ने साफ तौर पर कहा है कि हमने चीन को स्पष्ट कर दिया है एलएसी पर एकतरफा बदलाव की कोशिश भारत बर्दाश्त नहीं करेगा। अपने बयान में विदेश मंत्री ने कहा कि अगर वे ऐसा करना जारी रखते हैं जो सीमा क्षेत्र में गंभीर चिंताएं पैदा करती हैं तो हमारे संबंध सामान्य नहीं रहे सकते।

एस जयशंकर ने यह भी कहा कि विदेश नीति आज केवल एक मंत्रालय या यहां तक ​​कि केवल सरकार की कवायद नहीं रह गई है, इसका सभी भारतीयों के दैनिक जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि भारतीय लोगों का कल्याण सुनिश्चित हो, चाहे कितनी भी चुनौतीपूर्ण स्थिति क्यों न हो। भारतीय विदेश नीति भारतीय लोगों की सेवा के लिए है। उस जिम्मेदारी को निभाने के लिए जो भी करना पड़ेगा हम करेंगे।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि भारत में जी20 की बैठकें शुरू हो चुकी हैं। हमारा प्रयास इनमें से 200 बैठकों को भारत में कई स्थानों पर आयोजित करने का है। जी20 शिखर सम्मेलन भारत द्वारा आयोजित सर्वोच्च प्रोफाइल अंतर्राष्ट्रीय सभा होगी। हम इसे एक राष्ट्रीय प्रयास के रूप में देखते हैं। साथ ही उन्होंने रूस के साथ तेल खरीद को लेकर भी अपनी बात रखी है। विदेश मंत्री ने कहा कि हम अपनी कंपनियों से रूसी तेल खरीदने के लिए नहीं कहते, हम उनसे वह खरीदने के लिए कहते हैं जो उनके लिए सबसे अच्छा विकल्प है।

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उन्होंने कहा कि यह बाजार पर निर्भर करता है। यह एक समझदार नीति है कि हम भारतीय लोगों के लिए अच्छा सौदा कहां से लाते हैं। विदेश मंत्री ने जहां तक गणतंत्र दिवस समारोह का संबंध है, हमने मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सिसी को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है और उन्होंने विनम्रतापूर्वक निमंत्रण स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि हम फिलिस्तीन पर बहुत स्पष्ट हैं, हम दो-राज्य समाधान का समर्थन करते हैं, जिसमें दोनों राज्य शांतिपूर्वक साथ-साथ रह रहे हैं। फिलिस्तीनी शरणार्थी कल्याण एजेंसी के लिए हमारा वित्तीय समर्थन बढ़ गया है।

श्रीलंका के मुद्दे पर विदेश मंत्री ने कहा कि हमने पूरे श्रीलंका को समर्थन दिया है जिसमें तमिल समुदाय, सिंहली समुदाय और अन्य सभी समुदायों के लोग भी शामिल हैं। गंभीर आर्थिक स्थिति में पड़ोसी को समर्थन देने में हमने सांप्रदायिक रुख नहीं अपनाया। उन्होंने इस बात की भी जानकारी दी है कि दो साल के अंतराल के बाद, भारत आठ-10 जनवरी 2023 से इंदौर में 17वें प्रवासी भारतीय दिवस की मेजबानी करेगा।

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