आरयू ब्यूरो, लखनऊ। सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क को इलाहाबाद हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने सांसद की गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक लगा दी है लेकिन, एफआइआर रद करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा है कि मामले में विवेचना जारी रहेगी। दरअसल जिन धाराओं में सपा सांसद के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। उनमें सात साल से कम कैद की सजा का प्रावधान है, इसलिए सांसद की गिरफ्तारी नहीं होगी।
वकील इमरान उल्लाह और सैय्यद इकबाल अहमद ने बताया कि सांसद बर्क ने गिरफ्तारी से बचने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इसके अलावा उनके खिलाफ दर्ज मुकदमे को रद करने के लिए भी अदालत में याचिका डाली गई थी। अदालत ने सपा सांसद की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है, लेकिन मुकदमा रद नहीं किया है।
अदालत ने सात साल से कम की सजा वाली धाराएं होने के चलते उनकी गिरफ्तारी नहीं करने का निर्देश दिया है लेकिन, कोर्ट ने यह भी कहा है कि मामले में विवेचना जारी रहेगी। बता दें कि सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के खिलाफ बिजली चोरी के आरोप में भी मुकदमा दर्ज है। इसके अलावा बगैर नक्शा पास कराए मकान निर्माण के मामले में भी संभल प्रशासन ने उनको तीसरा और अंतिम नोटिस भी जारी किया है। भले ही अदालत ने सपा सांसद की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है, लेकिन सपा सांसद की मुश्किलें अभी कम नहीं हुई हैं।
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बता दें कि संभल में 24 नवंबर 2024 को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान बवाल हुआ था। इसमें पांच युवकों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थीं, जबकि बड़ी संख्या में लोग घायल हुए थे। इस मामले में संभल पुलिस ने सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल सहित 40 के खिलाफ नामजद मुकदमा लिखा था। 2750 अज्ञात के खिलाफ एफआइआर हुई थी।