आरयू ब्यूरो, लखनऊ। नीट पेपर लीक मामला अभी ठंडा नहीं हुआ था कि अब पीसीएस-जे परीक्षा में भी गड़बड़ी का मामला सामने आया है। उत्तर प्रदेश में यूपी लोक सेवा आयोग द्वारा सिविल-जजेज के पदों पर भर्ती के लिए आयोजित की जाने वाली पीसीएस-जे की मुख्य परीक्षा में हेराफेरी हुई है। इसपर मंगलवार को आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने आरोप लगाते हुए कहा कि पीसीएस जे 2022 परीक्षा धांधली हुई है। पूर्व आइपीएस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर सीबीआइ जांच कराने की मांग उठाई है।
यूपी के मुख्यमंत्री सहित अन्य अफसरों को भेजे अपने पत्र में अमिताभ ठाकुर ने कहा कि इस परीक्षा के संबंध में अभ्यर्थी श्रवण कुमार पांडे द्वारा इलाहाबाद हाई कोर्ट में दायर याचिका के क्रम में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा अपने हलफनामे में स्वीकार किया है कि 50 अभ्यर्थियों के आंसर शीट बदल दिए गए हैं। हलफनामे के अनुसार आयोग ने इसे एक प्रशासनिक गलती मानते हुए कुछ अधीनस्थ कर्मियों को निलंबित कर विभागीय जांच प्रारंभ किया है।
साथ ही अमिताभ ठाकुर ने दावा करते हुए कहा है कि यह मामला किसी प्रशासनिक लापरवाही का नहीं, बल्कि एक गंभीर आपराधिक षडयंत्र का दिखता है, जिसमें वृहद स्तर पर आपराधिक षडयंत्र कर परीक्षा में गड़बड़ी किए जाने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने इस प्रकरण में प्रयागराज के कर्नलगंज थाने में एफआइआर दर्ज कराकर सीबीआइ जांच की मांग की है।
बता दें पीसीएस जे 2022 परीक्षा का परिणाम 30 अगस्त 2023 को घोषित हुआ था। इस परीक्षा में कानपुर की निशी गुप्ता ने टॉप किया और दूसरा नंबर पर प्रयागराज के शिशिर यादव आए थे। पीसीएस-जे परीक्षा का परिणाम कई महीनों पहले ही 2023 में ही आ गया था, लेकिन इसी के साथ कई लोगों ने अभ्यर्थी चयनित पदों पर ज्वाइन कर लिया है।
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वहीं जांच पड़ताल के बाद यह बात सामने आई कि परीक्षा में 50 कैंडिडेट की आंसर कॉपी बदल दी गई थी। दरअसल यूपी सेवा आयोग ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में कबूला है कि रिजल्ट बनाने में लापरवाही बरती गई है। आयोग का मानना है कि पांच अधिकारियों ने गलती की है। जिसके चलते आयोग ने उन पांच में से तीन अफसरों को बर्खास्त कर दिया है।
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