आरयू वेब टीम।
लंबे अरसे के बाद एक बार फिर दिल्ली के रामलीला मैदान में लोकपाल और किसानों से जुड़े मुद्दों को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे अनशन पर बैठे गए हैं। इस महाआंदोलन की शुरुआत से पहले अन्ना ने सुबह राजघाट स्थित महात्मा गांधी की समाधि स्थल पर बापू को नमन किया।
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प्रदर्शन से पहले मीडिया से बातचीत करते हुए केंद्र सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि उनके समर्थक दिल्ली कूच ना कर सके इसलिए प्रशासन ने ट्रेनों को रद्द कर दिया है। आंदोलन पर बैठने से पहले मैंने कई खत लिखकर कहा कि मुझे किसी तरह के पुलिस सुरक्षा की आवश्यता नहीं है।
अन्ना ने कहा कि उन्होंने चार महीने पहले ही इस बाबत अनुमति मांगी थी। हजारे ने एक प्रेसवार्ता में कहा था, ‘मैंने प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और दिल्ली के पुलिस आयुक्त को चार महीने में 16 पत्र लिखे, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिला।
सरकार का ऐसा रवैया उन्हें समझ नहीं आ रहा है। प्रस्तावित विरोध-प्रदर्शन 2011 से भी बड़ा होगा। हजारे ने ये भी कहा कि प्रदर्शन में कई महत्वपूर्ण मसलों में किसानों के मुद्दे भी होंगे। उन्होंने कृषि उत्पादों की कीमतें निर्धारित करने के लिए स्वायत्त आयोग की मांग की है। वही प्रदर्शन को लेकर एक पुलिस अधिकारी ने मीडिया को बताया कि ‘हमने सभी सुरक्षा पहलुओं की जांच करने और पर्याप्त व्यवस्था करने के बाद यह अनुमति दी है’।
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