पाकिस्तानी वायुसेना ने आतंकियों के बजाय नागरिकों पर गिराए बम, 30 की मौत, 20 से अधिक घायल

पाकिस्तान
हमले के बाद मलबे में तब्दील हुई बस्ती।

आरयू, इंटरनेशनल डेस्क। पाकिस्तान वायुसेना द्वारा आज किए गए एक हवाई हमले में बड़ी चूक सामने आई है। आतंकियों को निशाना बनाने के उद्देश्य से की गई एयर स्ट्राइक में वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने आम नागरिकों के घरों पर बम गिरा दिए, जिससे कम से कम 30 नागरिकों की मौत हो गई है और 20 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं। मरने वालों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।

ये हमला खैबर पख्तूनख्वा के तिराह वैली में सोमवार को तड़के उस समय हुआ, जब पाकिस्तान वायुसेना के JF-17 लड़ाकू विमान खैबर बॉर्डर पर ऑपरेशन चला रहे थे। रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान आर्मी इस समय खैबर, डेरा इस्माइल खान और बाजौर क्षेत्रों में आतंकियों के खिलाफ बड़ा अभियान चला रही है। अगस्त 2025 तक खैबर में 700 से अधिक आतंकी हमले हो चुके हैं, जिनमें 258 सुरक्षाबलों की जान जा चुकी है।

इसके जवाब में सेना ने एयरस्ट्राइक सहित कई सख्त कदम उठाए हैं, हालांकि तिराह वैली में हुआ ये हमला सवालों के घेरे में है। यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह हमला सूचना की कमी, तकनीकी त्रुटि या किसी राजनीतिक मकसद के तहत हुआ।

घटना के कई घंटों बाद तक पाकिस्तान वायुसेना की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया था। वहीं, स्थानीय मीडिया भी इस गंभीर मुद्दे पर लगभग चुप्पी साधे हुए है। यह चौंकाने वाला है कि इतने बड़े हादसे के बाद भी न तो सेना ने जांच का ऐलान किया है और न ही किसी जिम्मेदार अधिकारी को सामने लाया गया है।

उल्‍लेखनीय है कि तिराह वैली न सिर्फ आतंकवाद का गढ़ मानी जाती है, बल्कि यह इलाका पाकिस्तानी राजनीति का भी हॉटस्पॉट है। यह क्षेत्र इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) का मजबूत गढ़ है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह हमला सिर्फ सैन्य गलती थी या फिर इसके पीछे राजनीतिक उद्देश्य छिपे हुए हैं?

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गौरतलब है कि इमरान खान और पाकिस्तान आर्मी के बीच लंबे समय से तनाव है। खैबर एकमात्र ऐसा प्रांत है जहां पीटीआइ की सरकार है। हाल ही में पाक आर्मी पर खैबर के निवासियों को प्रताड़ित करने के आरोप भी लगे थे। हमले की पृष्ठभूमि में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (पीटीआइ) का नाम एक बार फिर चर्चा में है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, पीटीआइ के पास 6000 से अधिक लड़ाके और दस प्लस ट्रेनिंग कैंप हैं। यह संगठन खैबर क्षेत्र में सबसे ज्यादा सक्रिय है। पाकिस्तान का आरोप है कि पीटीआइ को अफगानिस्तान से समर्थन मिल रहा है।

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