आरयू वेब टीम। मणिपुर में लगभग दो महीने से हिंसा का दौर जारी है। इसको लेकर राजनीति भी हो रही। इन सबके बीच मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह भी विपक्षी दलों के निशाने पर हैं। एन बीरेन सिंह को लेकर शुक्रवार को अटकलों का दौर जारी था। दावा किया जा रहा था कि एन बीरेन सिंह मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं। इन सबके बीच एन बीरेन सिंह ने खुद ही अटकलों को खारिज कर दिया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि मैं मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दूंगा।
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने शुक्रवार को ट्वीट करते हुए कहा, “इस महत्वपूर्ण मोड़ पर मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दूंगा।” इससे पहले दावा किया गया था कि मुख्यमंत्री त्यागपत्र लेकर राज्यपाल अनुसुइया उइके से मिलने के लिए अपने आवास से निकले थे। हालांकि, प्रदर्शनकारी इंफाल में उनके घर के बाहर एकत्र हुए और उनसे इस्तीफा न देने का आग्रह किया। प्रदर्शनकारियों में से एक ने उनका त्याग पत्र फाड़ दिया
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गौरतलब है कि मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच मई की शुरुआत में भड़की जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं। मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है।
वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में रहती है। बताते चलें कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी इन दिनों हिंसाग्रस्त राज्य के दौरे पर हैं। उन्होंने शुक्रवार को मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात करने के बाद हिंसाग्रस्त राज्य में शांति के लिए समाज के सभी वर्गों से अपील की और कहा कि हिंसा कोई समाधान नहीं है।