आरयू वेब टीम।
महाराष्ट्र के औरंगाबाद में बीती रात दो समुदायों के बीच झड़प ने हिंसा का रूप ले लिया। हिंसा के दौरान भीड़ ने दर्जनों वाहनों को फूंक दिया, जबकि शाहगंज और चेलीपुरा इलाके में कई दुकानों को भी आग के हवाले कर दिया। हिंसा में अब तक दो व्यक्तियों के मारे जाने, जबकि 16 पुलिसकर्मियों सहित 41 लोगों के घायल होने की खबर है। औरंगाबाद के पुराने इलाके में अभी भी तनाव की स्थिति बनी हुई है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हिंसक झड़प के दौरान पथराव में घायल हुए 41 लोगों को आरएमओ मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया है। आरएमओ मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर कैलाश जाइन ने बताया कि हिंसा में घायल दो व्यक्तियों को जब यहां लाया गया, तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। दंगाइयों को काबू करने में पुलिस द्वारा चलाई गई गोली से एक बच्चा भी गंभीर रूप से घायल हुआ है, जबकि नौ लोगों को गंभीर चोटें आई हैं।
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पुलिस के मुताबिक, शुक्रवार की रात से ही रह-रहकर हिंसक झड़प जारी है और प्रभावित इलाकों में दोनों समुदायों के लोगों ने जमकर पत्थरबाजी की और दुकानों में आगजनी की। औरंगाबाद के पुराने हिस्से में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है और धारा 144 भी लागू कर दी गई है।
घटना के संबंध में पुलिस का कहना है कि अब तक यह पता नहीं चल सका है कि हिंसा किस बात को लेकर भड़की। कुछ लोंगो का कहना है कि झगड़ा अवैध रूप से लगाई गई पानी की पाइप लाइन काटने में भेदभाव के चलते शुरू हुआ। वहीं कुछ लोग इसे व्यावसायिक वर्चस्व की बात भी कह रहे हैं। फिलहाल शहर में बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात है और तनाव जैसी स्थिति बनी हुई है।
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