आरयू ब्यूरो,लखनऊ। जल्द ही आजमगढ़ से हवाई जहाज उड़ेंगे। साथ ही, अलीगढ़, श्रावस्ती, चित्रकूट और सोनभद्र से भी लोग हवाई सफर कर सकेंगे। इन पांच जिलों में हवाई अड्डों को विकसित किया जा रहा। लोकभवन में शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में इसके संचालन के लिए एएआई के अध्यक्ष एके पाठक और प्रदेश के नागरिक उड्डयन विभाग के अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल के बीच एमओयू साइन किया गया। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि इन सभी एयरपोर्ट को एयर बस ए-320 के मानकों के अनुसार विकसित किया जाएगा। उन्होंने प्राधिकरण को जल्द सर्वे कराकर भूमि क्रय की कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस कार्यक्रम को संबोधित कर कहा, ”आजमगढ़ पूरब में है। वहां पांच साल पहले कोई सोच नहीं सकता था कि यहां एयरपोर्ट बनेगा। यहां के नाम से लोग डरते थे। हमने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे आजमगढ़ के बीच से निकाला। लोग कहते थे यह कैसे होगा? जब काम शुरू हुआ तो कहीं भी विरोध नहीं हुआ।” अलीगढ़ को लेकर कहा, ”अलीगढ़ हार्डवेयर का महत्वपूर्ण केंद्र है। यहां यूपी डिफेंस कॉरिडोर का एक नोड स्थापित कर रहे हैं। जल्द ही यहां बेहतर एयर कनेक्टिविटी सुविधा होगी।”
साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा, ”चित्रकूट रामायण सर्किट का महत्वपूर्ण हिस्सा है। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने अपने वनवास के सबसे ज्यादा समय यहीं बिताया था। यहां पहाड़ी पर बहुत सुंदर एयरपोर्ट बन रहा है। मैंने देखा है।” उन्होंने आगे कहा, ”श्रावस्ती भी पर्यटन की नजर से काफी खास है। भगवान राम के पुत्र की राजधानी रही है। भगवान बुद्ध ने अपने जीवन में सबसे ज्यादा चातुर्मास यहीं बिठाए थे। अब यहां से फ्लाइट शुरू होने जा रही है।”
यह भी पढ़ें- बाढ़ से निपटने की तैयारी को लेकर CM योगी ने की समीक्षा बैठक, अफसरों को दिए खास निर्देश
योगी ने आगे कहा, ”सोनभद्र कभी नक्सल गतिविधियों के लिए कुख्यात रहा है। मगर, यह प्राकृतिक संसाधनों की लिहाज से काफी समृद्ध है। माइनिंग के लिहाज से बहुत समृद्ध है। यही नहीं, जनजातीय समाज का उद्गम सोनभद्र ही है। यहां फ्लाइट सेवा जरूरी थी, जिसे हम पूरा कर रहे हैं। अब यहां की तस्वीर बदलेगी।”
सीएम ने कहा कि, “उत्तर प्रदेश जल्द पांच इंटरनेशनल एयरपोर्ट वाला राज्य बनने वाला है। अभी वाराणसी, कुशीनगर और लखनऊ में इंटरनेशनल एयरपोर्ट हैं। जेवर और अयोध्या में निर्माण चल रहा है। 2017 से पहले केवल लखनऊ और वाराणसी में ही एयरपोर्ट थे। गोरखपुर और आगरा में आंशिक रूप से एक्टिव एयरपोर्ट थे। उस समय चार एयरपोर्ट से 25 जगहों पर एयर कनेक्टिविटी थी। आज नौ एयरपोर्ट पर ऑपरेशन चल रहा है। दस पर काम चल रहा है। 75 स्थानों से एयर कनेक्टिविटी है।