आरयू ब्यूरो, लखनऊ। बेसिक विद्यालय में पीआरटी (कक्षा एक से पांच) में भर्ती के लिए अयोग्य माने गए बीएड अभ्यर्थियों ने गुरुवार को बेसिक शिक्षा निदेशालय का घेराव कर अध्यादेश लाने की मांग उठाई है। यूपी के तमाम जिलों से जुटे अभ्यर्थियों ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि वह यूपी में बीएड अभ्यर्थियों को पीआरटी में शामिल करने के लिए नेशनल काउंसिल फार टीचर एजूकेशन (एनसीटीई) में आवेदन करें।
अभ्यर्थियों ने कहा है कि प्रदेश में 13 से 17 लाख बीएड स्टूडेंट हैं। जिन्होंने पीआरटी में भर्ती के लिए ही बीएड किया है। अब अचानक उन्हें इसके लिए अयोग्य करार दिया गया है। इस मामले में राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पैरवी नहीं की। अभ्यर्थियों ने कहा कि इसमें काफी ऐसे भी अभ्यर्थी हैं जिन्होंने बीटेक और बीकॉम के बाद बीएड किया हैं। वे पीआरटी के अलावा किसी और शिक्षक भर्ती के लिए योग्य नहीं हैं। ऐसे में प्रदेश सरकार हमारी मांग एनसीटीई तक पहुंचाए।
अभ्यर्थियों ने कहा कि चार साल से टीजीटी-पीजीटी की भर्ती नहीं आई है। ऐसे में उनके पास कोई विकल्प भी नहीं है। अभ्यर्थियों ने यूपी सरकार से मांग करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ ठोस कदम उठाकर बीएड अभ्यर्थियों को पीआरटी में शामिल किया जाए।
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उन्होंने कहा कि जैसे सरकार ने ट्रांसफर-पोस्टिंग मामले पर और मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर बदला था ठीक उसी तरह से बीएड को पीआरटी में शामिल करने के लिए भी सरकार अध्यादेश लाए। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 2018 का गजट पत्र कैंसिल कर दिया है।