BBD के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए सीएम योगी ने युवाओं से कहा, जीवन में कोई नहीं होता अयोग्य

दीक्षांत समारोह
दीक्षांत समारोह को संबोधित करते सीएम योगी।

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। जीवन में सफलता के दो ही मार्ग हैं। समाधान की तरफ जाएंगे तो सफलता प्राप्त होगी। समस्या को बार-बार गिनाते रहेंगे तो सफल नहीं हो सकते। समस्या की बजाय समाधान पर ध्यान दीजिए। सभी लोग मिलकर जब सामूहिक रूप से प्रयास करेंगे तो समाधान मिलेगा। जीवन में सदा नया सीखने का अवसर प्राप्त होता है। अलग-अलग सेक्टरों में हमें नए अवसरों को ढूंढने का प्रयास करना चाहिए। कोई भी व्यक्ति अयोग्य नहीं है, बल्कि योग्य योजक चाहिए। संस्थान, बॉस, आचार्य, अभिभावक और व्यक्ति भावी पीढ़ी के लिए योजक बन सकते हैं। जीवन में धैर्य, संतुलन खोए बिना अडिग होकर आगे बढ़ेंगे तो सफलता कदम चूमेगी।

उक्त बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को बाबू बनारसी दास विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में युवाओं को संबोधित कर कही। योगी ने दीक्षांत समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री बाबू बनारसी दास, विश्वविद्यालय के रचनाकार पूर्व केंद्रीय मंत्री अखिलेश दास गुप्ता को भी याद किया। सीएम योगी ने 2011 में विश्वविद्यालय बनने के बाद से यहां के एकेडमिक एक्टिविटीज व खेल की तारीफ की। जब हमने दुनिया का अनुसरण शुरू किया तो हमारी ताकत भी कम होती गई।

योगी ने कहा कि यह केवल दीक्षांत समारोह नहीं है बल्कि इंडियाज ट्रांसफॉर्मिंग जनरेशन का एक उदाहरण भी है। जो विद्यार्थी उपाधि प्राप्त करते हुए आगे बढ़ रहे हैं, आने वाले समय में उनके विजनरी लीडरशिप में देश-प्रदेश नई गति प्राप्त करेगा। सीएम योगी ने भारत की प्राचीन गुरुकुल प्रणाली के समावर्तन समारोह और उसके परिवर्तित रूप दीक्षांत समारोह की भी व्याख्या की। उन्होंने कहा कि हम जो करते थे, दुनिया उसका अनुसरण करती थी। जब हमने दुनिया का अनुसरण शुरू किया तो हमारी ताकत भी कम होती गई।

सीएम ने कहा कि बाबू बनारसी दास के संघर्षों, आजादी के लिए स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के रूप में उनके योगदान और स्वतंत्र भारत में उत्तर प्रदेश कैसा बनना चाहिए, इस पर उनके प्रयास की भी चर्चा की। बोले-उप्र के मुख्यमंत्री के रूप में हम जिन भी वर्तमान कार्ययोजनाओं को बढ़ाने में सफल होते हैं, उनमें कहीं न कहीं भाव इन्हीं विभूतियों के छिपे होते हैं। जो इन्होंने उस समय यूपी के बारे में सोचा था, हमें उत्तर प्रदेश में उन्हें मूर्त रूप प्रदान करने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। कृतज्ञता का भाव सदैव मन में होना चाहिए।

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इस दौरान कुलपति प्रो. श्रीकृष्ण श्रीवास्तव ने बताया कि कुल 5746 को उपाधियां मिली। इनमें 2024-25 के यूजी के 1676, बीडीएस के 87, एमडीएस 38, 2023 – 24 के यूजी के 2347, पीजी के 727 विद्यार्थी हैं। बीडीएस के 59 और एमडीएस 38 छात्रों को उपाधि प्राप्त हुई। इसके अलावा पीएचडी के शोधार्थियों को भी उपाधि दी गई है। इस दौरान दो मेधावियों को चांसलर मेडल और 89 को स्वर्ण पदक मिले। इस दौरान सीएम के हाथों अवार्ड पाने वालों में मुस्कान साहू, पेशवानी शर्मा, सुमि गौर, जीविदा शुक्ला, स्मारिका सक्सेना, इंशा इमरान, मधुलिका, ऋषिता अस्थाना, नैना सिंह, विभव दुबे, पल्लवी राय, नीरज कुमार कुशवाहा, वर्तिका गुप्ता, वैष्णवी यादव, शुभम शुक्ला, वैष्णवी श्रीवास्तव, सारा मेहंदी आदि शामिल रहीं। वहीं डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित होने वालों में मयंक जयपुरिया, अमृता यादव, मंजू भारद्वाज, श्वेता सिंह, ऊषा अरुणिमा, आलोक शरण, समीक्षा गुप्ता, ओजस्विनी पाल, शैलजा पांडेय, नेहा शर्मा, आफरीन हसन, फरहीन आजाद, सारा जैदी, अनुकृति मिश्रा शामिल रहीं।

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