आरयू संवाददाता,
कानपुर/पीजीआइ। होनहार आइपीएस अफसर सुरेंद्र कुमार दास की मौत के बाद आखिरकार उनके परिजनों ने अपनी चुप्पी तोड़ दी है। भाई नरेंद्र दास ने पत्नी डॉ. रवीना को सुरेंद्र दास की मौत के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराते हुए कई गंभीर आरोप लगाएं हैं। साथ ही सोमवार को अंतिम संस्कार होने के बाद उन्होंने मुकदमा दर्ज कराने की भी बात आज कही है।
उन्होंने सुसाइड नोट की बात पर कहा कि सुसाइड नोट की राइटिंग सुरेंद्र की लग रही है, लेकिन राइटिंग एक्सपर्ट से भी पत्र लिखाया जा सकता है। इसलिए सुसाइड नोट की जांच कराया जाना जरूरी है।
आरोप लगाते हुए नरेंद्र दास ने कहा कि रवीना शादी के बाद से ही घर में कलह कर रही थी। पूरे परिवार से सुरेंद्र को अलग कर दिया था। अब दुनिया से उसे छीन लिया। मैं किसी को छोडूंगा नहीं। भाई की मौत के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाऊंगा। मेरा भाई बहुत सीधा और सरल था।
वहीं उन्होंने ये भी कहा कि डॉ. रवीना विदाई के बाद ससुराल में मात्र एक घंटे ही रही थीं। इसके बाद कार मंगा कर गोमतीनगर स्थित अपने पिता डॉ. रावेंद्र सिंह के घर चलीं गईं थी। मां इंदू और परिवार के अन्य लोगों यहां तक की सुरेंद्र ने डॉ.रवीना को रुकने के लिए कहा था, लेकिन बहू ने सभी की बातों को अनसुना कर दिया था। वो सुरेंद्र को परिजनों से मिलना तो दूर मोबाइल पर भी बात करने पर झगड़ा करती थी। इसको लेकर सुरेंद्र पूरी तरह से टूट चुके थे।
भाई ये भी आरोप लगाते हुए बोले कि सुरेंद्र कुमार सीधे और सरल स्वभाव के होने के साथ ही शाकाहारी भी थे, जबकि डॉ. रवीना मांसाहारी है। वो पति को अपनी तरह ढालना चाहती थीं।
बड़े भाई ने उदाहरण देते हुए कहा कि सुरेंद्र धार्मिक प्रवृत्ति के थे। वह हर साल धूमधाम से जन्माष्टमी मनाते थे। जन्माष्टमी के दिन सुरेंद्र ने रवीना को नॉनवेज खाने से मना किया था, लेकिन उसने बात नहीं मानी और सुरेंद्र को गुस्सा दिलाने के लिए नॉनवेज खा लिया था। इस तरह से रवीना वहीं करती थी, जो सुरेंद्र को अच्छा नहीं लगता था।
वहीं आज अपरान्ह रेजेंसी अस्पताल में आइपीएस अफसर की सांसें थमने के बाद उनकी मां इंदू देवी, भाई नरेंद्र दास के अलावा अन्य परिजन व कई पुलिसकर्मी फूट-फूटकर रोने लगे। कुछ ही देर में कानपुर मंडल के कमिश्नर के अलावा जिलाधिकारी व एसएसपी समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी अस्पताल पहुंच गए। जिसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
तीन डॉक्टरों के पैनल ने पीएम किया। इस दौरान पोस्टमॉर्टम की वीडियोग्राफी भी करायी गयी। पीएम के बाद शव को कानपुर पुलिसलाइन में रखा गया। जहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर देने के साथ ही एडीजी जोन कानपुर, एसएसपी कानपुर सहित पुलिस के अन्य अधिकारियों ने कंधा दिया। साथ ही परिजनों व पुलिस के अधिकारियों व कर्मचारियों ने उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की।
जिसके बाद शाम करीब सात बजे सुरेंद्र दास का पार्थिव शरीर पीजीआइ इलाके के कल्ली पश्चिम (एकता नगर) पहुंचा। शव के पहुंचते ही वहां कोहराम मच गया। जबकि पत्नी रविना पति के अंतिम दर्शन करने के बाद अपने पिता व भाई के साथ दस मिनट बाद ही वहां से लौट गयी।
दूसरी ओर पहले से वहां मौजूद एसपी नार्थ विक्रांत वीर ने सारी जिम्मेदारी संभाल रखी थी। कुछ घंटें बाद ही डीजीपी ओपी सिंह, एडीजी कानून-व्यवस्था, एडीजी लखनऊ, एसएसपी लखनऊ समेत अन्य अधिकारियों ने सुरेंद्र दास के आवास पर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ ही परिजनों को हर संभव सहायता करने का आश्वासन दिया। आइपीएस अफसर के पार्थिव शरीर का सोमवार को अंतिम संस्कार किया जाएगा।