आरयू वेब टीम। कोरोना वायरस के दुनियाभर में हाहाकार मचाने के बाद चीन में एक और वायरस तेजी से फैल रहा है। एचएमपीवी नाम का ये वायरस चीन में कई लोगों को संक्रमित कर चुका है और अब इस वायरस ने भारत में भी दस्तक दे दी है। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में एचएमपीवी वायरस का पहला मामला सामने आया है। जहां आठ महीने का एक बच्चा संक्रमित पाया गया, इसके बाद दूसरे बच्चे के भी इस वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। अब इस वायरस का एक और मामला गुजरात के अहमदाबाद में सामने आया है। इस बीच एचएमपीवी वायरस को लेकर दिल्ली में एडवाइजरी जारी की गई है, जिससे समय रहते इस वायरस से जुड़ी चुनौतियों से निपटा जा सके।
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हेल्थ सर्विस की डायरेक्टर जनरल डॉ. वंदना बग्गा ने मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें राजधानी दिल्ली में सांस से जुड़ी बीमारियों से निपटने की तैयारियों को लेकर चर्चा की गई। साथ ही अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों के मामलों की जानकारी तुरंत आइएचआइपी पोर्टल के जरिए प्रदान कराएं। साथ ही एडवाइजरी में संदिग्ध मामलों के लिए सख्त आइसोलेशन प्रोटोकॉल के साथ सावधानी बरतने को कहा गया है।
हल्के लक्षण वाले मामलों का इलाज
साथ ही एडवाइजरी में संदिग्ध मामलों के लिए सख्त आइसोलेशन प्रोटोकॉल के साथ सावधानी बरतने को कहा गया है। साथ ही अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इन मामलों की सटीक निगरानी सुनिश्चित करें और एसएआरआइ मामलों के साथ लैब की ओर से पुष्ट किए गए इन्फ्लूएंजा मामलों का उचित रिकॉर्ड बनाकर रखें। एडवाइजरी में अस्पतालों को ऑक्सीजन के साथ हल्के लक्षण वाले मामलों के इलाज के लिए पैरासिटामोल, एंटीहिस्टामाइन, ब्रोन्कोडायलेटर्स और कफ सिरप की पर्याप्त मात्रा रखने के निर्देश दिए गए हैं।
इंटरनेशनल ट्रैवल की कोई हिस्ट्री नहीं
दरअसल कर्नाटक में एक ही दिन में इस वायरस से दो बच्चे संक्रमित पाए गए हैं, जबकि गुजरात में एक मामला सामने आया है, इसके बाद एचएमपीवी वायरल के कुल तीन मामले हो गए हैं। इसे लेकर कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री ने आपात बैठक बुलाई है, हालांकि सरकार ने कहा है कि इस वायरस से घबराने की जरूरत नहीं है। दोनों ही मामलों में इंटरनेशनल ट्रैवल की कोई हिस्ट्री नहीं है। साथ ही आइसीएमआर ने भी दोनों मामलों की पुष्टि की है।
सबसे ज्यादा बच्चे होते हैं संक्रमित
चीन में फैल रहे एचएमपीवी वायरस से आमतौर पर बच्चे ही सबसे अधिक संक्रमित हो रहें। जानकारी के मुताबिक, सभी फ्लू सैंपल में 0.7 फीसदी एचएमपीवी पाए जाते हैं, हालांकि इस वायरस के स्ट्रेन का अभी तक पता नहीं चला है।
एचएमपीवी वायरस को ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस कहा जाता है।
इसके लक्षणों में काफी हद तक सामान्य सर्दी-जुकाम शामिल है। आमतौर पर सामान्य मामलों में यह खांसी के अलावा गले में घरघराहट, नाक बहना, गले में खराश जैसे लक्षण होते हैं। छोटे बच्चों और बुजुर्गों में एचएमपीवी का संक्रमण गंभीर हो सकता है। साथ ही कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों के लिए ये वायरस ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है। एचएमपीवी वायरस से संक्रमित मरीजों को सांस लेने में दिक्कत और फ्लू जैसे लक्षण हो सकते हैं।