आरयू वेब टीम। पूर्व केंद्रीय मंत्री व बिहार के दिग्गज नेता रघुवंश प्रसाद सिंह का रविवार को 74 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद दिल्ली के ऐम्स में उनका इलाज चल रहा था। दो दिन पहले उनकी हालत बिगड़ गई थी। सांस लेने में परेशानी होने के बाद उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था।
कोरोना पॉजिटिव होने के बाद उनका पटना के ऐम्स में इलाज किया गया था। कुछ ठीक होने के बाद उन्हें पोस्ट कोविड मर्ज के इलाज के लिए दिल्ली लाया गया था। रघुवंश प्रसाद की मौत की खबर से राजनीतिक गलियारे में शोक की लहर दौड़ गई। एम्स में इलाज के दौरान रघुवंश प्रसाद सिंह के साथ रहे केदार यादव ने बताया कि सिंह का सुबह करीब 11 बजे सांस लेने में कठिनाई और अन्य जटिलताओं के कारण निधन हो गया। उनका का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए पटना लाया जाएगा। वो अपने पीछे दो पुत्र और एक पुत्री को छोड़ गए हैं।
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वहीं रघुवंश बाबू के बारे में कहा जाता है कि ऊपर से देहाती दिखने वाला यह शख्स अंदर से बहुत ही ज्ञानसमृद्ध और सामाजिक-ऐतिहासिक विषयों का गहन जानकार थे। उन्होंने साइन्स से ग्रेजुएट किया था और गणित में मास्टर डिग्री हासिल की थी। आरजेडी में रहते हुए लालू यादव की नाराजगी से बेपरवाह रघुवंश बाबू ने उन निर्णयों का खुल कर विरोध करते थे, जिन्हें वह अनैतिक या जनविरोधी मानते थे।
बिहार की वैशाली लोकसभा सीट से सांसद रहे रघुवंश प्रसाद का जन्म छह जून 1946 को वैशाली के ही शाहपुर में हुआ था। उन्होंने बिहार विश्वविद्यालय से गणित में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की थी। अपनी युवावस्था में उन्होंने लोकनायक जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में हुए आंदोलनों में भाग लिया था।