आरयू वेब टीम। बिहार में पुल ढहने का सिलसिला खत्म नहीं हो रहा है। पांच दिनों में दूसरा पुल ढह गया। शनिवार सुबह सीवान के महाराजगंज अनुमंडल के पटेढ़ा और गरौली गांव के बीच गंडक नहर पर बना पुल अचानक टूट गया। एक पिलर के धंसते ही पुल भर-भराकर नहर में समा गया। पांच दिन पहले अररिया में भी हुआ था हादसा।
ग्रामीणों ने बताया कि गंडक विभाग द्वारा नहर की सफाई कराई गई थी, और नहर की मिट्टी काटकर नहर के बांध पर फेंकी गई थी। इस प्रक्रिया से पुल का पिलर काफी कमजोर हो गया था, जिसके कारण पुल टूट गया।
यह पुल महाराजगंज प्रखंड के पटेढी बाजार और दरौंदा प्रखंड के रामगढ़ पंचायत को जोड़ता था। पुल गिरने की आवाज काफी दूर तक सुनी गई। पुल गिरने की आवाज से इलाके के लोग सहम गए। फिलहाल हादसे में किसी के भी घायल होने की सूचना नहीं है। इससे पहले भी बिहार में कई बड़ी लागत के पुल पिलर बह जाने के कारण ढह चुके हैं।
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बता दें कि 18 जून को निर्मााणाधीन पुल उद्घाटन से पहले ही अररिया जिले के सिकटी प्रखंड क्षेत्र में भी एक पुल भरभराकर नदी में समा गया था। ये पुल अररिया के पड़किया घाट पर बना था। बकरा नदी पर बने इस पुल के निर्माण में करोड़ों की लागत लगी थी।
पुल को बने अभी एक साल भी नहीं हुआ था। इस घटना के बाद लोगों का कहना है कि ठेकेदार और विभागीय भ्रष्टाचार व लापरवाही की वजह से ये घटना सामने आई है। पुल की लागत 12 करोड़ रुपये बताई जा रही है। पड़रिया पुल के तीन पिलर बहकर नदी में समा गए, जिससे पुल टूट गया।