बायोमेट्रिक अटेंडेंस लगाने वालों को ही एलडीए देगा सैलरी, नए सिटिंग प्‍लान से अफसर-कर्मियों के बीच घनचक्‍कर बनने से आवंटियों को भी मिलेगी मुक्ति

बायोमेट्रिक अटेंडेंस
हाजिरी रजिस्‍टर की जांच करते वीसी प्रथमेश कुमार।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। बिना ऑफिस आए ही अफसरों की कृपा व इशारे पर सैलरी लेने वालों के खेल पर लखनऊ विकास प्राधिकरण में एक बार फिर से रोक लगने की उम्‍मीद जागी है। एलडीए उपाध्‍यक्ष प्रथमेश कुमार ने आठ दिन में दूसरी बार एलडीए के विभिन्‍न अनुभागों का औचक निरीक्षण करने के साथ ही आदेश दिया है कि अफसर-इंजीनियर व कर्मियों की सैलरी अब बायोमेट्रिक अटेंडेंस लगाने के बाद ही जारी की जाएगी। यह व्यवस्था दो दिन बाद यानि एक अगस्‍त से प्राधिकरण में लागू भी हो जाएगी।

वीसी को आज प्रधानमंत्री आवास योजना व अन्‍य अनुभाग में ऐसे भी कई कर्मचारी मिले जिन्‍होंने ऑफिस में मौजूद रहने के बावजूद रजिस्टर पर हाजिरी लगाना जरूरी नहीं समझा था। इस पर उपाध्यक्ष ने सभी के लिए बायोमेट्रिक हाजिरी को अनिवार्य करते हुए आदेश जारी किये हैं कि अपर सचिव, ओएसडी आइटी व प्रभारी अधिकारी अधिष्ठान संयुक्त रूप से बायोमैट्रिक हाजिरी के आधार पर ही अगले महीने से वेतन जारी कराएंगे।

निरीक्षण के दौरान उपाध्‍यक्ष ने नई से पुरानी तो एक से दूसरे तलों पर चक्‍कर काटने की आवंटियों की भी दिक्‍कत को महसूस कर नए सिरे से अफसर-कर्मियों का सीटिंग प्‍लॉन बनाने के निर्देश दिए हैं। उपाध्‍यक्ष को  ज्यादातर अनुभागों में यह देखने को मिला कि अधिकारी व अधिशासी अभियंता कहीं बैठते हैं और उनका स्टाफ उनसे अलग-अलग बिल्डिंग व तलों पर बैठ रहा है।

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जिसपर प्रथमेश कुमार ने प्राधिकरण सचिव विवेक श्रीवास्‍तव व अधिशासी अभियंता अनुरक्षण व विद्युत यांत्रिक मनोज सागर को निर्देश दिए हैं कि वह खुद कार्यालय का निरीक्षण कर अधिकारियों के पास ही उनके स्‍टाफ के बैठने की व्‍यवस्‍था कराएं, जिससे कि आवंटियों को सुविधा हो सके और विभाग का काम भी प्रभावित न हो। ऐसे में खासकर उन जेई, बाबू व अन्‍य कर्मियों को अब अपने कमरे व केबिन छोड़नी होगी जो अपने अधिकारी से दूर किसी जगह पर सालों से कब्‍जा जमाए हैं।

आठ दिन में भी नहीं सुधरे हालात, वीसी को फिर मिली गंदगी

पिछले सोमवार को औचक निरीक्षण के दौरान वीसी को एलडीए बिल्डिंग में कई जगाहों पर गंदगी मिली थीं। जिसपर उन्‍होंने नाराजगी जताते हुए इलेट्रिक्‍ल के साथ सिविल का भी मेंटेनेंस देखने वाले एक्‍सईएन मनोज सागर से तीन दिन में हालात सुधारने को कहा था, लेकिन आठ दिन बाद भी आज वीसी को कास्टिंग अनुभाग व अन्‍य जगाहों पर गंदगी ही देखने को मिली। जिसपर उपाध्‍यक्ष ने मनोज सागर को फिर से चेताते हुए तीन दिन में कार्यालय की सफाई व्‍यवस्‍था के साथ ही विद्युत व्‍यवस्‍था को ठीक कराने का अल्‍टीमेटम दिया है। इसके अलावा एलडीए में रखीं आलमारियों के बार भी फाइलों की डिटेल नहीं लिखे जाने पर वीसी ने नाराजगी जाहिर करते हुए मातहतों को पुरानी कार्यप्रणाली छोड़ने की चेतावनी देते हुए तीन दिन का समय दिया है।

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बाबू मिला गायब, वेतन कटा

आज पूर्वान्‍ह करीब 11 बजे किये गये निरीक्षण में प्राधिकरण की नयी बिल्डिंग के भूतल पर बने कॉल सेंटर में कार्यरत बाबू विनोद कुमार अनुपस्थित मिला। इस पर उपाध्यक्ष ने लिपिक का एक दिन का वेतन काटने के आदेश दिये हैं। कॉल सेंटर में क्या कार्य किया जाता है और इसकी क्या उपयोगिता है, इस बारे में भी मौके पर मौजूद अन्‍य कर्मी नहीं बता सके। जिस पर उपाध्यक्ष ने सचिव को निर्देश दिये हैं कि वह कॉल सेंटर के कार्यों की स्वयं समीक्षा कर नये सिरे से कार्ययोजना तैयार करें।

मंजूर व लंबित एनओसी की रिपोर्ट तलब, फंसेगी गर्दन!

प्‍लानिंग व मानचित्र अनुभाग के निरीक्षण के दौरान उपाध्यक्ष ने संशय होने पर खुद ही एक के बाद एक कई फाइलें खंगाली। उन्होंने सवाल किया कि बीते छह महीने में मानचित्र से जुड़ी कितनी एनओसी जारी की गयी हैं और कितनी लंबित है। कर्मचारी इसकी जानकारी नहीं दे सके, जिस पर उपाध्यक्ष ने इसकी पूरी रिपोर्ट तलब कर ली है। समझा जा रहा है कि रिपोर्ट सामने आने पर मनमाने ढ़ग से एनओसी देने व रोकने वाले अफसर-कर्मियों की गर्दन फंस सकती है। वीसी ने सीटीपी केके गौतक को एनओसी के मामलों की नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिये हैं, जिससे कि गड़बड़ी की संभावना न हो।

रिकॉर्ड कर्मी नहीं ढ़ूढ सके फाइलें

वहीं आज रिकॉर्ड व विधि अनुभाग के निरीक्षण के दौरान उपाध्यक्ष ने कम्प्यूटर से कुछ फाइलों के नंबर (क्रमांक कोडिंग) निकाले और फिर कर्मचारियों से इन नंबर के आधार पर फाइलें ढूंढने को कहा, लेकिन विधि अनुभाग में कर्मचारी इस आधार पर रैक में रखी फाइलें नहीं ढूंढ सके। इस पर उपाध्यक्ष ने नाराजगी जताते हुए सात दिन के अंदर फाइलों को व्यवस्थित करने का अल्टीमेटम दिया है।

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फाइलों को योजनावार तरीके से रखें

वहीं रिकार्ड अनुभाग में दो बाबू व आठ कर्मियों की तैनाती के बाद भी फाइलें मिली-जुली रखी मिली। इस पर उपाध्यक्ष ने ओएसडी शशिभूषण पाठक व उप सचिव माधवेश कुमार को निर्देशित किया कि प्राधिकरण की योजनाओं के हिसाब से ही फाइलों को योजनावार तरीके से सहेज कर रखा जाए।

कंपनी ने आज तक नहीं दी 15 हजार फाइलें

साथ ही फाइल स्‍कैन करने वाली कंपनी राईटर से प्राप्त की गयी फाइलों को भी बॉक्‍स से निकाल कर रैक में सुरक्षित रखा जाए। राईटर से करीब 15 हजार फाइलें सालों बाद भी नहीं मिलने की जानकारी पर वीसी ने मातहतों से पूछा कि क्‍या स्‍कैन यहां नहीं हो सकता है, लेकिन कोई जवाब नहीं दे सका।

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इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास योजना के कार्यालय के निरीक्षण के दौरान वीसी ने कर्मचारियों को निर्देश दिये कि बसंत कुंज योजना में विस्थापित अकबर नगर के अध्यासियों द्वारा भवन तल परिवर्तन के संबंध में जो प्रार्थना पत्र दिये जा रहे हैं। उन्हें रजिस्टर पर दर्ज कर त्वरित कार्यवाही करे।