एलडीए के प्‍लॉट की फर्जी रजिस्‍ट्री करा बेचने वाला चढ़ा गोमतीनगर पुलिस के हत्‍थे, नौ महीने बाद भी मास्‍टरमाइंड बाबू समेत सात आरोपित चल रहें फरार

प्‍लॉट की फर्जी रजिस्‍ट्री
पुलिस की गिरफ्त में आरोपित।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। प्रियदर्शिनी योजना में एलडीए के प्‍लॉट की फर्जी रजिस्‍ट्री कराने के मामले में गोमतीनगर पुलिस ने एक आरोपित को गिरफ्तार किया है। रविवार को आरोपित धनश्‍याम कुमार वर्मा को पुलिस ने अलीगंज सेक्‍टर क्‍यू स्थित उसके घर से ही दबोचा है। पुलिस ने आरोपित का चालान कर कोर्ट में पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया गया।

करीब चार करोड़ की कीमत वाले चार प्‍लॉटों की फर्जी रजिस्‍ट्री के मामले में नौ महीने से अधिक का समय बीतने के बाद भी गोमतीनगर पुलिस आज तक मात्र दो लोगों को ही गिरफ्तार कर सकी है। आज से पहले इस मामले में एलडीए के अवकाश प्राप्‍त बाबू श्रीकृष्‍ण को पुलिस जेल भेज चुकी है।

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गोमतीनगर व प्रियदर्शिनी योजना के प्‍लॉटों में फर्जीवाड़ा करने के कई मामलों में लंबे अर्से से फरार चल रहे एलडीए से निलंबित मास्‍टरमाइंड बाबू अजय प्रताप वर्मा समेत प्रियदर्शिनी योजना के चार प्‍लॉटों की फर्जी रजिस्‍ट्री कर भूखंडों की खरीद-बेच में शामिल सात नामजदों को गोमतीनगर पुलिस नौ महीना बीतने के बाद भी तलाश नहीं कर सकी है। हाल ही में गोमतीनगर कोतवाली का चार्ज लेने वाले इंस्‍पेक्‍टर दिनेश चंद्र मिश्रा का कहना है कि आज उन्‍होंने इस मामले में पहली गिरफ्तारी कराई है, जल्‍द ही अन्‍य आरोपितों को भी गिरफ्तार कर धनश्‍याम वर्मा की तरह जेल भेजा जाएगा।

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43 लाख में बेचा था एक करोड़ का प्‍लॉट

गोमतीनगर पुलिस के अनुसार पूछताछ में पता चला है कि धनश्‍याम वर्मा ने प्‍लॉट की फर्जी रजिस्‍ट्री अपने नाम कराने के बाद 1250 वर्म फिट के प्‍लॉट को 43 लाख में बेच दिया था। वहीं इससे पहले मुकदमा लिखवाते समय एलडीए की ओर से जानकारी दी गयी थी कि धनश्‍याम वर्मा ने प्‍लॉट संख्‍या 1/69 को 40 लाख रुपये में बलिया निवासी रामायण प्रसाद यादव को बेचा है। इस मामले में धनश्‍याम वर्मा व रामायण प्रसाद के अलावा इनकी जानकारी अपनी कंप्‍यूटर आइडी से एलडीए के रिकॉर्ड में दर्ज करने वाले तत्‍कालीन बाबू श्रीकृष्‍णा के विरूद्ध भी लविप्रा ने एफआइआर कराई थी।

जानें क्‍या था मामला-

उल्‍लेखनीय है कि प्रियदर्शिनी योजना में 1250 वर्ग मीटर के चार प्‍लॉट संख्‍या, 1/55, 1/56, 1/69 व 1/70 की फर्जी रजिस्‍ट्री कराने की बात पिछले साल सामने आयी थी। जांच के बाद एलडीए वीसी के निर्देश पर तत्‍कालीन अनुभाग अधिकारी अशोक सिंह ने फर्जीवाड़े में शामिल अमर सिंह, देवेश नारायण त्रिपाठी, राजेश कुमार तिवारी, अजय कुमार गुप्‍ता, धनश्‍याम वर्मा, नारायण प्रसाद यादव व रधुराज सिंह के अलावा एलडीए के अवकाश प्राप्‍त बाबू श्रीकृष्‍ण व पूर्व से गोमतीनगर के प्‍लॉटों में फर्जीवाड़ा करने के आरोप में निलंबित चल रहे बाबू अजय प्रताप वर्मा के खिलाफ आइपीसी की धारा 419, 420, 467, 468 व 471 के तहत गोमतीनगर कोतवाली में पिछले साल तीन सितंबर को चार मुकदमा दर्ज कराया था। अजय व श्रीकृष्‍ण ने प्‍लॉट की फर्जी रजिस्‍ट्री होने से एक से तीन साल पहले ही अपनी कंप्‍यूटर आइडी से जालसाजों को एलडीए के रिकॉर्ड में प्‍लॉटों के मालिक होने की जानकारी दर्ज की थी।

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एलडीए-पुलिस की कार्यप्रणाली से फर्जी रजिस्‍ट्री गैंग के हौसले बुलंद!

एलडीए व पुलिस की लापरवाही कहें या फिर मिलीभगत के चलते गोमतीनगर, प्रियदर्शिनी व ट्रांसपोर्ट नगर जैसी योजनाओं में दर्जनों प्‍लॉटों की फर्जी रजिस्‍ट्री कराने वाले सक्रिय हैं। हाईटेक होने का दम भरने वाली गोमतीनगर पुलिस जहां दर्जनों नामजद आरोपितों में से अब तक नाममात्र गिरफ्तारी कर सकी है। वहीं एलडीए के अफसर भी अपने विभाग में रजिस्‍ट्री गैंग के सदस्‍य को चिन्हित करना तो दूर वकीलों की फौज होने के बावजूद आज तक जालसाजों की फर्जी रजिस्‍ट्री तक निरस्‍त नहीं करा पाएं हैं। कहा जा रहा है कि अधिकारियों की लापरवाही की वजह से एलडीए के भूखंडों की फर्जी रजिस्‍ट्री कराने वाले गैंग के हौसले बुलंद है, यहीं वजह है कि अब भी आए दिन प्‍लॉटों की फर्जी रजिस्‍ट्री के मामले सामने आ रहें हैं।

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