आरयू ब्यूरो, लखनऊ। राणा सांगा विवाद को लेकर शनिवार को आगरा में करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने उग्र प्रदर्शन किया, जबकि वाराणसी में समाजवादी पार्टी के नेता हरीश मिश्रा उर्फ ‘बनारस वाले मिश्राजी’ पर जानलेवा हमला हुआ है। हमलावर करणी सेना से जुड़े बताए जा रहें हैं, हमले के बाद भाग रहे दो बदमाशा को पकड़कर लोगों ने लात-घूंसों से बुरी तरह पीटने के बाद सिगरा पुलिस के हवााले कर दिया है, फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। वहीं इस हमले को लेकर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गहरा आक्रोश जताया है और कहा है कि ये घटना उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था के पूरी तरह ध्वस्त हो जाने का प्रमाण है।
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने शनिवार को अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट से एक बयान जारी कर कहा कि “समाजवादी पार्टी के जुझारू और प्रखर वक्ता ‘बनारस वाले मिश्राजी’ के नाम से लोकप्रिय हरीश मिश्र पर चाकू से किया गया कातिलाना हमला बेहद निंदनीय है। उनके रक्तरंजित वस्त्र उत्तर प्रदेश में ध्वस्त हो चुकी कानून व्यवस्था की निशानी हैं।” सपा प्रमुख ने कहा कि पार्टी का हर कार्यकर्ता ऐसे हमलों को झेलने की शक्ति रखता है।
इस दौरान सपा सुप्रीमो ने योगी सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा, “देखते हैं कि उत्तर प्रदेश की तथाकथित सरकार के क्रियाहीन शरीर में इस घटना के बाद कोई हलचल होती है या नहीं।” फिलहाल, हरीश मिश्र की हालत को लेकर कोई आधिकारिक मेडिकल बुलेटिन जारी नहीं हुआ है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि हमले के बाद उन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
गौरतलब है कि हरीश मिश्र सपा के तेजतर्रार वक्ता माने जाते हैं और पार्टी के प्रमुख आयोजनों में मुखर होकर सरकार की आलोचना करते रहे हैं। बनारस सहित पूर्वांचल में उनका खासा प्रभाव है। ‘बनारस वाले मिश्रा जी’ के नाम से लोकप्रिय मिश्र लंबे समय से समाजवादी आंदोलन से जुड़े हैं। इस हमले को लेकर पार्टी के कार्यकर्ताओं में भारी रोष है और उन्होंने सरकार से दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
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पिछले कुछ महीनों में उत्तर प्रदेश में राजनीतिक कार्यकर्ताओं पर हमले की घटनाएं बढ़ी हैं, जिससे विपक्षी दल लगातार सरकार की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहे हैं। सपा का कहना है कि भाजपा सरकार में न तो आम आदमी सुरक्षित है और न ही विपक्षी दलों के नेता। अब देखना यह है कि सरकार इस हमले की जांच किस दिशा में ले जाती है और दोषियों को कब तक पकड़ा जाता है। समाजवादी पार्टी ने साफ कहा है कि अगर सरकार ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो आंदोलन का रास्ता अपनाया जाएगा।