आरयू ब्यूरो, लखनऊ। योगी सरकार की कार्यप्रणाली को लेकर मंगलवार को यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने एक बार फिर हमला बोला है। अखिलेश ने कहा है कि भाजपा सच को छुपाने और झूठ फैलाने की चाहे जितनी कोशिशें कर ले लेकिन उसे सफलता नहीं मिलने वाली है। खुद बीजेपी के घर में ही अब असंतोष और विरोध के स्वर उभरने लगे हैं। जब प्रदेश कार्य समिति के मंच से भाजपा नेता आगामी विधानसभा चुनावों में अपनी जीत के दावे कर रहे थे, तभी तमाम पदाधिकारी एवं नेता भी योगी सरकार में बढ़ रहे कुशासन के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर रहें थे।
जनसामान्य की सुनवाई का तो सवाल ही नहीं उठता
अखिलेश ने आज दावा किया कि सपा शुरू से कहती आई है कि भाजपा राज में अराजकता अव्यवस्था और भ्रष्टाचार का बोलबाला है। शासन-प्रशासन का इस पर कोई नियंत्रण नहीं दिखाई देता है। मंत्रियों की भी शिकायत है कि अफसर उनकी नहीं सुनते हैं। खुद मुख्यमंत्री कार्यालय के फोन, तमाम निर्देशों के बावजूद, डीएम, एसएसपी, एसपी, कमिश्नर नहीं उठा रहे हैं, यह खबर तो सरकारी सूत्रों ने ही दी है। जब मुख्यमंत्री को कोई गंभीरता से नहीं लेता हैं तो जनसामान्य की सुनवाई का तो सवाल ही नहीं उठता है।
हमला जारी रखते हुए सपा अध्यक्ष ने कहा कि खुद भाजपा नेता ही यह कहने लगे है कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल है। मरीजों को समय से उचित इलाज नहीं मिल पा रहा है। अस्पतालों में डाक्टर नहीं है, दवाएं नहीं मिलती हैं।
चल रही सब सेवाओं की बदहाली
साथ ही पूर्व सीएम ने दावा किया कि सपा सरकार ने एक रूपए के पर्चे पर सभी दवाएं और जांचे निशुल्क कराने की व्यवस्था की थी। नए-नए मेडिकल कालेज खोले थे। किडनी, दिल, कैंसर, लीवर के गंभीर रोग का इलाज काफी मंहगा होता है। सपा सरकार ने इन रोगों के परीक्षण एवं इलाज की निशुल्क सुविधा दी थी। मुख्यमंत्री सहायता कोष से भी सहायता दी जाती थी। मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए 108 एम्बुलेंस सेवा शुरू की गई थी। इन सब सेवाओं की बदहाली चल रही है।