आरयू वेब टीम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना के टीकाकरण को लेकर सोमवार को राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की। वर्चुअल माध्यम से हुई इस बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा है कि जनप्रतिनिधि तीन करोड़ कोरोना योद्धाओं में शामिल नहीं है, सबसे पहले अग्रिम मोर्चे के कर्मियों का टीकाकरण होगा। कोविड-19 से निपटने में केंद्र, राज्यों के बीच समन्वय सहयोगात्मक संघवाद का शानदार उदाहरण है। मोदी ने कहा कि कोरोना संकट में एकजुटता से काम किया। साथ ही पीएम मोदी ने वैक्सीन पर अफवाह न फैलाने अपील की।
प्रधानमंत्री ने ये भी कहा है कि हम सभी के लिए गौरव की बात है कि जिन दो वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत मिली है वो दोनों ही मेड इन इंडिया हैं, लेकिन हर राज्य हर केंद्र शासित प्रदेश को यह सुनिश्चित करना होगा कि वैक्सीन से जुड़ी अफवाहों को, गलत प्रचार को कोई हवा न मिले। देश और दुनिया के अनेक शरारती तत्व हमारे इस अभियान में रुकावट डालने की कोशिश कर सकते हैं। इस तरह की अफवाहों पर लगाम लगाने की जिम्मेदारी राज्यों की है। कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर वैज्ञानिक समुदाय की सलाह के आधार पर हम काम करते रहेंगे, हम उसी दिशा में चले हैं।
कोरोना की लड़ाई में निर्णायक चरण में प्रवेश कर रहा हमारा देश
मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा, हमारा देश कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एक निर्णायक चरण में प्रवेश कर रहा है। ये चरण वैक्सीनेशन का है। 16 जनवरी से हम दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू कर रहे है। दुनिया के 50 देशों में तीन-चार सप्ताह से वैक्सीनेशन का काम चल रहा है, लेकिन अभी करीब 2.5 करोड़ लोगों को वैक्सीन लग पाई है। वहीं भारत में हमे अगले कुछ महीनों में लगभग 30 करोड़ आबादी के टीकाकरण का लक्ष्य हासिल करना है।
…पहले स्वास्थ्य कर्मियों तक कोरोना वैक्सीन
मोदी ये भी कहा कि हमारी कोशिश सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों तक कोरोना वैक्सीन पहुंचाने की है, जो देशवासियों की स्वास्थ्य सेवाओं में लगे हुए हैं। इसके साथ जो दूसरे फ्रंट लाइन वर्कर्स हैं उन्हें भी पहले चरण में टीका लगाया जाएगा। इनमें सैन्य बल, पुलिस और केंद्रीय बल, होमगार्ड, डिजास्टर मैनेजमेंट वोलेंटियर्स, सिविल डिफेंस के जवान, कंटेन्मेंट और सर्विलांस से जुड़े कर्मचारियों शामिल हैं।
वैक्सीन देने में, जो खर्च होगा उसे भारत सरकार करेगी वहन
पीएम ने बताया कि अलग-अलग राज्यों के फ्रंटलाइन वर्कर्स और हेल्थ वर्कर्स की संख्या देखें तो यह करीब तीन करोड़ होती है। यह तय किया गया है कि पहले चरण में इन तीन करोड़ लोगों को वैक्सीन देने में, जो खर्च होगा उसे राज्य सरकारों को नहीं देना, उसे भारत सरकार वहन करेगी।
टीकाकरण अभियान में सबसे अहम पहचान और मॉनीटरिंग
साथ ही ये भी कहा कि दूसरे चरण में 50 वर्ष से ज्यादा आयु के सभी लोगों को और 50 वर्ष से कम आयु के उन बीमार लोगों को जिन्हें संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा है, उन्हें टीका लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत को टीकाकरण का जो अनुभव है, जो दूर-सुदूर क्षेत्रों तक पहुंचने की व्यवस्थाएं हैं वो कोरोना टीकाकरण में बहुत काम आने वाली हैं। पीएम ने कहा कि इस टीकाकरण अभियान में सबसे अहम उनकी पहचान और मॉनीटरिंग का है जिनको टीका लगाना है। इसके लिए कोविन नाम का एक डिजिटल प्लेटफॉर्म भी बनाया गया है।
बर्ड फ्लू को लेकर कोई न फैलाए अफवाह
पीएम मोदी ने देस में बर्ड फ्लू के मामले सामने आने को लेकर कहा कि बर्ड फ्लू को लेकर कोई अफवाह ना फैले इसका भी हमें ध्यान रखना है। सभी को बर्ड फ्लू से सतर्क रहने की जरूरत है। स्थानीय प्रशासन भी इसको लेकर सतर्क रहे।