आरयू वेब टीम। पिछले नौ साल में देश महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास की दृष्टि से आगे बढ़ रहा है और इसे वैश्विक मंच पर ले जा रहा है। जी20 शिखर सम्मेलन में महिलाओं के नेतृत्व में विकास महत्वपूर्ण विषयों में से एक है। इस वर्ष का बजट महिला नेतृत्व वाले विकास के इन प्रयासों को नई गति देगा।
उक्त बातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण” के विषय पर पोस्ट बजट वेबिनार को संबोधित कर कही। इस दौरान पीएम ने कहा कि नारी शक्ति भारत की स्पीड और स्केल को बढ़ा रही है। साथ ही मोदी ने वेबिनार में अपनी बात रखते हुए कहा, सरकार द्वारा आयोजित 12 पोस्ट-बजट वेबिनार की श्रृंखला का आज यह 11वां वेबिनार है। इस वर्ष के बजट को देश ने 2047 तक विकसित भारत बनाने के लक्ष्य की पूर्ति के एक शुभारंभ के रूप में देखा है। बजट को भावी अृमतकाल की दृष्टि से देखा और परखा गया है। ये देश के लिए शुभ संकेत है कि देश के नागरिक भी अगले 25 वर्षों को इन्हीं लक्ष्यों से जोड़कर देख रहे हैं।
वीमेन लेड डेवलपमेंट के वीजन को लेकर बढ़ा आगे
पीएम ने कहा बीते नौ वर्षों में देश वीमेन लेड डेवलपमेंट के वीजन को लेकर आगे बढ़ा है। भारत ने अपने बीते वर्षों के अनुभव को देखते हुए वीमेन डेवलपमेंट से वीमेन लेड डेवलपमेंट के प्रयासों को वैश्विक मंच पर भी ले जाने का प्रयास किया है। इस बार भारत की अध्यक्षता में हो रही जी20 की बैठकों में भी ये विषय प्रमुखता से छाया हुआ है। इस वर्ष का बजट भी वीमेन लेड डेवलपमेंट के इन प्रयासों को नई गति देगा और इसमें आप सभी की बहुत बड़ी भूमिका है। यह कहते हुए पीएम मोदी ने बजट में हिस्सा लेने वाले प्रतिनिधियों का स्वागत किया।
नारी शक्ति का सामर्थ्य भारत की अनमोल शक्ति’
पीएम ने कहा, नारी शक्ति की संकल्प शक्ति, इच्छा शक्ति, उनकी कल्पना शक्ति, उनकी निर्णय शक्ति, त्वरित फैसले लेने का उनका सामर्थ्य, निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए उनकी तपस्या, उनके परिश्रम की पराकाष्ठा ये हमारी मातृशक्ति की पहचान है, ये एक प्रतिबिम्ब है। जब हम वीमेन लेड डेवलपमेंट की बात कहते हैं तो उसका आधार यही शक्तियां हैं। मां भारती का उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित करने में नारी शक्ति का ये सामर्थ्य भारत की अनमोल शक्ति है। यही शक्ति समूह इस शताब्दी में भारत के स्केल और स्पीड को बढ़ाने में बहुत बड़ी भूमिका निभा रही है।
उन्होंने कहा कि आज हम देश के सामाजिक जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन महसूस कर रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में भारत ने जिस प्रकार वीमेन एम्पावरमेंट के लिए काम किया है आज उसके परिणाम नजर आने लगे हैं। आज हम देख रहे हैं कि भारत में पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या बढ़ रही है। पिछले नौ-10 वर्षों में हाई स्कूल और उसके बाद तक पढ़ने वाली लड़कियों की संख्या तीन गुना बढ़ी है। भारत में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित में लड़कियों का नामांकन आज 43 प्रतिशत है, जो अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी जैसे देशों से भी ज्यादा है। इसी तरह चिकित्सा, खेल, व्यापार या राजनीति जैसे क्षेत्रों में भारत में न केवल महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है बल्कि वे आगे आकर नेतृत्व कर रही हैं।
‘महिला शक्ति का सामर्थ्य आता है नजर’
आज भारत में ऐसे अनेक क्षेत्र हैं जिनमें महिला शक्ति का सामर्थ्य नजर आता है। जिन करोड़ों लोगों को मुद्रा लोन दिए गए उनमें से करीब 70 प्रतिशत लाभार्थी देश की महिलाएं हैं। ये करोड़ों महिलाएं अपने परिवार की आय ही नहीं बढ़ा रही हैं बल्कि अर्थव्यवस्था के नए आयाम भी खोल रही है। पीएम स्वनिधि योजना के माध्यम से बिना गारंटी आर्थिक मदद देना हो पशुपालन को बढ़ावा देना हो, फिशरीज (मत्स्य पालन) को बढ़ावा देना हो, ग्रामोद्योग को बढ़ावा देना हो, एफपीओ हो, खेलकूद हो इन सभी को जो प्रोत्साहन दिया जा रहा है, उसका सर्वाधिक लाभ और अच्छे से अच्छे परिणाम महिलाओं के द्वारा आ रहे हैं। देश की
बजट में पीएम आवास योजना के लिए…
उन्होंने कहा कि देश की आधी आबादी के सामर्थ्य से हम देश को कैसे आगे ले जाएं और हम नारी शक्ति की सामर्थ्य को कैसे आगे बढ़ाएं, इसका प्रतिबिंब इस बजट में भी नजर आता है। उन्होंने महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र योजना का जिक्र किया जिसमें महिलाओं को 7.5 प्रतिशत ब्याज मिलना है। पीएम मोदी ने कहा- “इस बार के बजट में पीएम आवास योजना के लिए करीब 80 हजार करोड़ रुपए रखे गए हैं। ये राशि देश की लाखों महिलाओं के लिए घर बनाने में काम आएगी। भारत में बीते वर्षों में पीएम आवास योजना के जो 3 करोड़ से अधिक घर बने हैं उनमें से अधिकांश महिलाओं के ही नाम हैं।”
आर्थिक फैसलों में दी नई आवाज’
पीएम मोदी ने आगे जोड़ते हुए कहा, वो भी एक जमाना था जब महिलाओं के लिए न तो कभी खेत उनके नाम होते थे, न खलिहान उनके नाम होते थे, न दुकान होती थी, न घर होते थे। आज इस व्यवस्था से उन्हें कितना बड़ा सपोर्ट मिला है। पीएम आवास योजना ने महिलाओं को घर के आर्थिक फैसलों में एक नई आवाज दी है।