आरयू ब्यूरो, लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में प्रशासन की गाड़ी पटरी से उतर गई है। बुधवार को अपने एक बयान में यूपी के पूर्व सीएम ने योगी सरकार पर सवाल उठाते हुए दावा किया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहे जितने बढ़-बढ़कर दावे करें, लेकिन अधिकारियों पर उनका अंकुश नहीं दिखाई दे रहा है।
अखिलेश ने तर्क देते हुए आगे कहा कि कानून-व्यवस्था बदतर हो गयी है साथ ही स्वास्थ्य सेवाएं भी चरमरा गई हैं। लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ हो रहा है, लेकिन इसकी फिक्र योगी सरकार को नहीं है।
वहीं सपा अध्यक्ष ने उदाहरण देते हुए कहा कि एटा में महिला थाना के स्टाफ क्वार्टर में रहने वाली सहायक अभियोजन अधिकारी (एपीओ) नूतन यादव की गोली मार कर हत्या कर दी गई। वह जलेसर कोर्ट में अभी एक साल पहले ही एपीओ बनी थी। एक अन्य घटना लखनऊ के सरोजनीनगर तहसील में समाधान दिवस पर हुई जब न्याय की गुहार लगाती महिला को डीएम के सामने ही आत्मदाह की कोशिश करना पड़ा।
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साथ ही अखिलेश ने ये भी कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं का हाल तो और भी बुरा है। अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में डाक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ की कमी तो पहले से है अब विभागीय लापरवाही से अस्पतालों में दवाओं का भी अभाव हो गया है। रक्तचाप, शूगर और बुखार तक की दवाएं जब उपलब्ध नहीं है तो यह उम्मीद करना कि कैंसर, हार्ट, लीवर किडनी के गंभीर रोगों की दवाएं आसानी से उपलब्ध होने की कल्पना करना भी मुश्किल है।
हमला जारी रखते हुए यूपी के पूर्व सीएम ने कहा कि आए दिन इलाज के आभाव में मरीजों को अस्पतालों के गेट पर दम तोड़ना पड़ रहा है, लेकिन मुख्यमंत्री को ये सब दिखाई नहीं दे रहा है, वो अपना ही राग अलापने में मग्न हैं।