आरयू इंटरनेशनल डेस्क। ब्रिटेन में किंग चार्ल्स तृतीय की शनिवार छह मई को ताजपोशी हो गई है। महाराजा चार्ल्स तृतीय और उनकी पत्नी कैमिला राज्याभिषेक के लिए वेस्टमिंस्टर एबे पहुंचे। जहां कार्यक्रम में पहुंचे करीब दो हजार मेहमानों के सामने चार्ल्स तृतीय को यूनाइटेड किंगडम के राजा का ताज पहनाया गया। वहीं, उनकी पत्नी कैमिला आधिकारिक रूप से क्वीन बन गईं।
किंग चार्ल्स तृतीय ने ब्रिटेन के महाराजा के रूप में शपथ लेते हुए कहा, ‘मैं यहां सेवा लेने नहीं सेवा करने आया हूं। मैं सत्यनिष्ठा और ईमानदारी से यह स्वीकार करता हूं और घोषणा करता हूं कि उन अधिनियमों के सच्चे इरादे के अनुसार काम करूंगा जो सिंहासन पर प्रोटेस्टेंट उत्तराधिकार को सुरक्षित करते हैं और कानून के अनुसार अपनी सर्वोत्तम शक्तियों के तहत उक्त अधिनियमों को बनाए रखूंगा।’
उल्लेखनीय है कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद ही चार्ल्स को सम्राट का दर्जा मिल गया था, लेकिन उन्हें वास्तव में ताज पहनाने की शाही परंपरा शनिवार को अपनाई गई। पिछले साल आठ सितंबर को महारानी एलिजाबेथ के निधन के दो दिन बाद ही प्रिंस चार्ल्स को औपचारिक रूप से सम्राट घोषित कर दिया गया था। यह परंपरा इस मायने में काफी अहम रही किंग चार्ल्स न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा समेत 15 देशों के सम्राट बन गए।
बग्घी पर सवार हुए चार्ल्स
किंग चार्ल्स और महारानी कैमिला घोड़े से चलने वाली बग्घी में बैठकर वेस्टमिंस्टर एबे पहुंचे। ताजपोशी के बाद सम्राट चार्ल्स और महारानी कैमिला गोल्ड स्टेट कोच में बैठकर राजमहल लौटे। यह बग्घी 1830 के बाद से हर राज्याभिषेक में इस्तेमाल होती रही है। चार टन की यह बग्घी 1767 से शाही परिवार के पास है।
ताजपोशी के वक्त किंग को सेंट एडवर्ड का ताज पहनाया गया
ब्रिटेन इकलौता ऐसा देश है जो अब भी रॉयल रिगालिया या सिंबल्स का इस्तेमाल करता है। इनमें ताज, ऑर्ब, सिंहासन, सेप्टर्स जैसी कई चीजें शामिल हैं। किंग चार्ल्स की ताजपोशी में भी इनका इस्तेमाल किया गया। ताजपोशी के वक्त किंग को सेंट एडवर्ड का ताज पहनाया गया। ये गोल्ड, रूबी, सिल्वर और सैफायर से बना है और इसका वजन 2.23 किलोग्राम है। इसके बाद वापस जाते वक्त किंग चार्ल्स को इम्पीरियल स्टेट क्राउन पहनाया गया।