कैश कांड में घिरे जस्टिस यशवंत वर्मा का विरोध तेज, बेमियादी हड़ताल पर गए हाई कोर्ट के वकील

कैश कांड
जस्टिस यशवंत वर्मा का विरोध करते इलाहाबाद हाई कोर्ट के वकील।

आरयू ब्यूरो, प्रयागराज। दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के घर में बड़ी मात्रा में नकदी मिलने के बाद वकील लामबंद हो गए हैं। आज इलाहाबाद हाई कोर्ट के अधिवक्ताओं ने जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए विरोध प्रदर्शन किया। गेट नंबर-3 पर पहुंचे अधिवक्ताओं ने बेमियादी हड़ताल बुलाई। अधिवक्ताओं का कहना है कि भ्रष्टाचार का आरोप झेल रहे जज को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। उनकी मांग है कि दिल्ली हाई कोर्ट से उनका ट्रांसफर इलाहाबाद के लिए न किया जाए।

इस दौरान अधिवक्ताओं ने न्यायिक कामकाज का बहिष्कार किया। हाई कोर्ट बार के पदाधिकारियों का कहना है कि जस्टिस वर्मा को वह यहां कतई कार्यभार नहीं ग्रहण करने देंगे। साथ ही हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने सीजेआई से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की भी अपील की है। वकीलों ने ऐलान किया है कि पूर्ण रूप से हड़ताल पर रहने के अलावा सड़कों पर भी आंदोलन शुरू किया जाएगा। बुधवार से हाई कोर्ट का फोटो आइडेंटिफिकेशन सेंटर भी अनिश्चित काल के लिए बंद हो जाएगा।

इस संबंध में इलाहाबाद बार एसोसिएशन ने पहले भी कहा था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट कोई कूड़ादान नहीं है कि भ्रष्टाचार के आरोपितों को यहां न्याय देने के लिए भेजा जाए। इस हड़ताल को देशभर की 22 हाई कोर्ट बार एसोसिएशनों का समर्थन मिल चुका है।

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बता दें कि बीते दिनों जस्टिस यशवंत वर्मा के दिल्ली स्थित घर में आग लगने के बाद करोड़ों रुपये कैश जलने की खबर सामने आई थी। इसी के बाद से यशवंत वर्मा विवादों में आ गए। इसी बीच एक और खबर आई कि जस्टिस यशवंत वर्मा का तबादला दिल्ली से इलाहाबाद हाई कोर्ट किया जा रहा है। इसके खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट के वकील लामबंद हो गए हैं। हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने जस्टिस यशवंत वर्मा के तबादले के विरोध में आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दिया है। इस हड़ताल को देशभर की हाईकोर्ट बार एसोसिएशनों का समर्थन प्राप्त है।

ये है मामला?

पिछले दिनों जस्टिस यशवंत वर्मा के दिल्ली स्थित आधिकारिक आवास पर एक फायर फाइटिंग ऑपरेशन के दौरान बड़ी मात्रा में कैश मिलने का दावा किया गया था। हालांकि सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान जस्टिस वर्मा शहर से बाहर थे। इस बीच, उनके घर के बाहर से जले नोटों के बंडल की तस्वीरें सामने आई थीं। मलबा भी जला पड़ा मिला था। इसमें जले नोट भी देखने को मिले थे। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कैश कांड में अपनी रिपोर्ट सार्वजनिक की थी।

ममाला सामने आने के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर महाभियोग की मांग की है। बार एसोसिएशन ने अपनी जनरल बॉडी मीटिंग में 11 प्रस्ताव पास किए, जिसमें से प्रमुख मांग यह थी कि जस्टिस वर्मा के खिलाफ सीबीआई और ईडी को मामला दर्ज करने की अनुमति दी जाए।

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