CBI ने एक बार फिर अपने ही अधिकारी के खिलाफ दर्ज की FIR

आरीडीएसओ के टेलिकॉम डायरेक्टर

आरयू वेब टीम। 

विवादों में घिरी देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआइ द्वारा अपने विशेष निदेशक राकेश अस्थाना समेत कई अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज करने के बाद का एक ताजा मामला सामने आया है। अब सीबीआइ ने अपनी ही डिप्टी लीगल एडवाइजर बीना रायजादा के खिलाफ केस दर्ज किया है, इन पर अपनी वार्षिक एप्रेजल रिपोर्ट में ब्रांच प्रमुख के फर्जी दस्तखत करने का आरोप है, ताकि प्रमोशन हासिल किया जा सके।

बीना रायजादा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता आइपीसी की धारा 417 आर/डब्‍लू 511, 468, 471 तथा 477 के तहत केस दर्ज किया गया है। रायजादा सीबीआइ की एसी-वीआइ यूनिट में बतौर डिप्टी लीगल एडवाइजर तैनात हैं और व्यापम घोटालेे की जांच कर रही हैं। रायजादा पर आरोप है कि उन्‍होंने साल 2014 से 2017 के बीच अपने प्रोमोशन के लिए अप्रेजल रिपोर्ट में अपने ब्रांच हेड के फर्जी दस्तखत किए। मामला प्रकाश में आने के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है।

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इससे पहले सीबीआइ अपने विशेष निदेशक राकेश अस्थाना समेत कई लोगों के खिलाफ घूस लेने के आरोप में एफआइआर दर्ज कर चुकी है। सीबीआई ने रिश्‍वतकांड के आरोपित पुलिस उप अधीक्षक देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार भी किया है। देवेंद्र कुमार सीबीआइ विशेष निदेशक राकेश अस्थाना की घूसखोरी के मामले में आरोपी हैं।

फिलहाल इन मामलों के चलते सीबीआइ की साख को गहरा झटका लगा है, क्‍योंकि सीबीआइ के पास देश के कई महत्वपूर्ण मामलों की जांच की जिम्मेदारी है, लेकिन जिस तरह से सीबीआइ के अधिकारी संदेह के दायरे में आ रहे हैं ऐसे में पूरे सिस्टम पर सवाल उठाना लगभग तय माना जा रहा है।

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