आरयू वेब टीम। पंजाब में बठिंडा सैन्य अड्डे पर हुई गोलीबारी मामले में एक जवान को गिरफ्तार किया गया है। पंजाब पुलिस के मुताबिक जिसे गिरफ्तार किया है, उसे आर्मी का गनर बताया जा रहा है। इससे पहले वह सफेद-कुर्ता पैजामे में हत्यारों के भागने की झूठी कहानी सुना सेना के अफसरों व पुलिस को गुमराह करने की कई दिन से कोशिश कर रहा था, लेकिन पुलिस की लगातार गहन छानबीन व सवाल के जवाब में फंसकर आखिरकार आरोपित मोहन देसाई ने अब अपना जुर्म कबूल कर लिया है। पुलिस की ओर से आज मीडिया को यह जानकारी दी गयी हैै।
बठिंडा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गुलनीत सिंह खुराना ने गिरफ्तार जवान की पहचान देसाई मोहन के रूप में की है। साथ ही बताया कि पिछले दिनों बठिंडा में सैन्य स्टेशन पर हुई फायरिंग आपसी झगड़े के कारण हुई, जिसमें चार सैनिकों की मौत हो गई थी। अधिकारियों ने बताया कि घटना के पीछे का उद्देश्य निजी था। उसकी उन जवानों से दुश्मनी थी। 12 अप्रैल को चार जवानों की सोते समय गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। आरोपित ने एक इंसास राइफल चोरी करने और अपने चार सहयोगियों की हत्या करने में अपनी संलिप्तता कबूल की है।
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इस मामले में पुलिस ने बताया था कि बठिंडा छावनी पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा-302 (हत्या) और सशस्त्र अधिनियम के तहत दो अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। जानकारी के मुताबिक सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पूरे मामले की जानकारी दी। ऐसा संदेह था कि इस घटना में गुम हुई एक इंसास राइफल और उसकी 28 गोलियों का इस्तेमाल किया गया होगा।
बता दें कि पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक देसाई मोहन ने पुलिस को बताया था कि उसने दो अज्ञात लोगों को सफेद कुर्ता-पायजामा में देखा था, जिनके सिर और चेहरे ढके हुए थे और वे गोलीबारी के बाद बैरक से बाहर निकल रहे थे। जवान ने बताया कि एक व्यक्ति के हाथ में इंसास राइफल थी, जबकि दूसरे के हाथ में कुल्हाड़ी थी। मोहन लगातार घटना को आतंकी हमले की ओर होने का इशारा कर रहा था, लेकिन अधिकारी पहले दिन से ही समझ रहे थे कि यह आतंकी घटना नहीं।