आरयू वेब टीम। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में शनिवार को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई है। इस मुठभेड़ में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के चार व एक डीआरजी का जवान शहीद हो गया है,जबकि 12 के घायल होने की खबर है। हालांकि सुरक्षाबलों ने तीन नक्सलियों को मार गिराया है। मुठभेड़ तर्रेम थाना क्षेत्र के सिलगेर के जंगलों में हुई है। तर्रेम के लिए नौ एंबुलेंस मौके पर भेजी गई। इसके अलावा बीजापुर 2 MI-17 हेलीकाप्टर पहुंचे हैं, जिनके जरिए घायल जवानों को अस्पताल पहुंचाया गया।
बताया गया है कि झीरम हमले का मास्टरमाइंड हिड़मा सिलगेर गांव का ही रहने वाला है। स्थानीय मीडिया के अनुसार, सीआरपीएफ, डीआरजी और जिला पुलिस और कोबरा बटालियन के जवान तलाशी अभियान चला रहे थे। इस दौरान सिलगेर के जंगल में नक्सली घात लगाए बैठे थे। उन्होंने अचानक सुरक्षाबलों पर गोलीबारी शुरू कर दी।
सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई की, लेकिन पांच जवान शहीद हो गए। वहीं, मारे गए नक्सलियों में एक महिला नक्सली भी बताई जा रही है। राज्य के पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी ने भी बताया कि बीजापुर जिले के तर्रेम क्षेत्र में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ हुई है।
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तर्रेम क्षेत्र में सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन, डीआरजी और एसटीएफ के जवानों को नक्सल विरोधी अभियान में रवाना किया गया था। दल जब क्षेत्र में था तब नक्सलियों ने सुरक्षाबलों पर गोलीबारी शुरू कर दी। सुरक्षाबल के जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई की।
इससे पहले 23 मार्च को छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले में नक्सलियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट कर सुरक्षाबल के जवानों को लेकर जा रही बस को उड़ा दिया था। घटना में पांच जवान शहीद हो गए थे, जबकि 13 अन्य जवान घायल हुए थे। बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने बताया था कि नारायणपुर जिले के धौड़ाई थाना क्षेत्र के अंतर्गत कन्हरगांव-कड़ेनार मार्ग पर नक्सलियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट कर सुरक्षाबलों को लेकर जा रही बस को उड़ा दिया। इस घटना में वाहन चालक करन देहारी, प्रधान आरक्षक पवन मंडावी, जयलाल उइके, आरक्षक सेवक सलाम और सहायक आरक्षक विजय पटेल शहीद हो गए।