आरयू वेब टीम। केंद्रीय चुनाव आयोग ने भारत के 15वें राष्ट्रपति के लिए चुनाव कार्यक्रम का ऐलान कर दिया है। राष्ट्रपति पद के लिए के लिए चुनाव 18 जुलाई को होंगे और जरूरी होने पर 21 जुलाई को परिणाम घोषित किए जाएंगे। राष्ट्रपति पद के लिए 29 जून को नामांकन की आखिरी तारीख होगी। इससे पहले 15 जून को अधिसूचना जारी होगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने गुरुवार को प्रेसवार्ता कर राष्ट्रपति चुनाव के लिए विस्तृत कार्यक्रम की घोषणा की। उन्होंने बताया कि मतदाताओं की कुल संख्या 4,809 होगी, जिसमें 776 सांसद और 4,033 विधायक शामिल हैं। सांसदों के लिए वोटिंग का स्थान संसद और विधायकों के लिए संबंधित राज्य की विधानसभाएं होंगी। हालांकि, पूर्व सूचना पर किसी भी वोटिंग लोकेशन पर वोट डाले जा सकते हैं। इसके लिए कम से कम दस दिन पहले सूचना देनी होगी, ताकि वोटिंग की व्यवस्था उस स्थान पर की जा सके।
चुनाव आयोग ने बताया कि सांसद के वोट की वैल्यू 700 होगी। कुल वोटों का मूल्य दस लाख 98 हजार 803 होगा, जबकि कुल वोटों की संख्या 4,809 होगी। वोट डालने के लिए चुनाव आयोग अपनी ओर से पैन प्रोवाइड कराएगा। अन्य पैन का इस्तेमाल करने पर मतगणना के लिए समय वोट अवैध करार दिया जाएगा। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियां कोई व्हीप जारी नहीं कर सकती है। राज्यसभा के महासचिव चुनाव प्रभारी होंगे।
यह भी पढ़ें- यूपी विधान परिषद की 13 सीटों पर चुनाव की अधिसूचना जारी, 20 जून को होगा मतदान, उसी दिन आएंगे नतीजे
राष्ट्रपति चुनाव में जीत को लेकर फिलहाल पेंच फंसता नजर आ रहा है। दरअसल, आंकड़ों के हिसाब से एनडीए के पास बहुमत नहीं है। ऐसे में एनडीए बीजेडी के नवीन पटनायक और वायएसआरसी के जगनमोहन रेड्डी के समर्थन की जरूरत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नवीन पटनायक एवं जगन मोहन रेड्डी से मुलाकात कर समर्थन देने की अपील कर चुके हैं। हालांकि दोनों ने ही दलों ने फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया है।
उधर विपक्षी दल कांग्रेस की नजर दस जून को होने वाले राज्यसभा पर है। दरअसल, 57 सीटों में 16 सीटों पर स्थिति स्पष्ट नहीं है। 57 में से बाक़ी की 41 सीटों पर उम्मीदवार निर्विरोध चुन लिए गए हैं। लेकिन जिन 16 सीटों पर चुनाव होना है, उनका फैसला महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक और हरियाणा से होगा। यहां गुणा-गणित किसके पक्ष में जाएगी यह कहना फिलहाल मुश्किल है। यदि एनडीए गठबंधन की राज्यसभा में संख्याबल घटती है तो फिर बहुमत तक पहुंचना मुश्किल हो जाएगा।
बता दें कि मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है। ऐसे में नए राष्ट्रपति को 25 जुलाई तक शपथ लेनी है।