आरयू वेब टीम। पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भारत निर्वाचन आयोग ने सोमवार को भी चुनावी रैलियों, रोड शो पर लगी रोक को 11 फरवरी तक के लिए बढ़ा दिया है, हालांकि, आयोग ने कोरोना के केस घटने के साथ ही कुछ छूट देनी भी शुरू कर दी हैं।
वहीं आयोग ने अधिकतम एक हजार लोगों के साथ रैलियों की अनुमति दी है। आयोग ने फैसला किया है कि एक फरवरी से राजनीतिक दल या चुनाव में खड़े होने वाले उम्मीदवार तय खुली जगहों पर एक हजार लोगों या जगह की क्षमता से 50 फीसदी लोगों को जुटाकर (जो भी कम हो) सार्वजनिक बैठक कर सकते हैं। पहले यह सीमा 500 लोगों तक तय की गई थी।
वहीं चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को बंद जगहों पर ज्यादा से ज्यादा 500 लोगों या हॉल-कमरे की क्षमता से 50 फीसदी लोगों को जुटाकर (जो भी कम हो) बैठक की छूट दी है। पहले यह सीमा तीन सौ लोगों तक ही तय की गई थी।
इसके अलावा आयोग ने उम्मीदवारों के घर-घर जाकर चुनाव प्रचार करने के नियमों में भी छूट दी है। अब पहले के दस लोगों की जगह एक साथ 20 लोग डोर-टू-डोर कैंपेन में शामिल हो सकेंगे। इनमें सुरक्षाकर्मियों को नहीं गिना जाएगा।
राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों को कोरोना अनुरूप व्यवहार करने और मानने की सलाह दी गई है। इसके अलावा चुनाव से जुड़ी गतिविधियों में आचार संहिता के तहत ही आगे बढ़ने की भी सख्त हिदायत जारी की गई है।
यह भी पढ़ें- आखिरकार चुनाव आयोग ने लगाई इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया के एग्जिट पोल रोक, दस फरवरी से लागू होगा आदेश, उल्लघंन पर जेल-जुर्माना
निर्वाचन आयोग ने कहा है कि जारी किए गए बदलावों के अलावा महामारी के मद्देनजर आठ जनवरी 2022 को चुनाव से जुड़ी जो भी गाइडलाइंस जारी की गई थीं, वे पहले की तरह ही जारी रहेंगी और यह जिला निर्वाचन अधिकार की जिम्मेदारी होगी कि वह पहले से तय जगहों की पहचान करे और वहां तय नियमों का लागू होना सुनिश्चित करें।
गौरतलब है कि आयोग नियमित तौर पर स्थिति की समीक्षा कर रहा है और यह सुनिश्चित कर रहा है कि कोरोना वायरस का प्रसार भी न हो और राजनीतिक दलों को प्रतिबंधित प्रारूप में प्रत्यक्ष रूप से चुनाव प्रचार का मौका भी दिया जा सके।