आरयू वेब टीम। उन्नाव गैंगरेप मामले में पीड़ित परिवार की तरफ से लिखी गई चिट्ठी न मिलने पर चीफ जस्टिस ने नाराजगी जताई है। सीजेआइ रंजन गोगोई ने रजिस्ट्रार से पूछा है कि 12 जुलाई को लिखी गई चिट्ठी उनके सामने अब तक क्यों पेश नहीं की गई। रजिस्ट्रार को इसका एक हफ्ते के भीतर जवाब देना है। साथ ही चीफ जस्टिस गुरुवार को उन्नाव केस की सुनवाई करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने सेक्रटरी जनरल से सफाई देने को कहा कि उन्नाव रेप पीड़ित परिवार की तरफ से लिखा गया पत्र उनके सामने पेश क्यों नहीं किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने रेप पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट भी तलब की है। मुख्य न्यायधीश ने ये बातें तब कहीं, जब एक वकील ने एक केस में उन्नाव मामले का जिक्र किया।
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इस दौरान सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि मीडिया में खबरें चल रही हैं कि पीड़िता ने हमें पत्र भेजा, मगर हमने उसे अभी तक देखा भी नहीं है। हम जानना चाहते हैं कि पीड़िता ने अगर पत्र लिखा तो हमे क्यों नहीं मिला। हम इस गंभीर मामले पर रजिस्ट्री से रिपोर्ट चाहते हैं। सीजेआइ ने कहा कि वे इस मामले में पीड़िता के पत्र पर कल सुनवाई करेंगे। हम प्रयास करेंगे कि पीड़िता के लिए इस विध्वंसकारी माहौल में कुछ बेहतर किया जा सके।
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गौरतलब है कि पीड़िता ने दुष्कर्म के आरोपी भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के समर्थकों की ओर से मिल रही धमकी का जिक्र किया गया था। साथ ही परिवार को फर्जी मामलों में फंसाने की धमकी दी गई थी। पीड़िता ने अपने पत्र में कहा कि न्याय की अंतिम कड़ी पर आप खड़े हैं। इस कांड के बाद से मेरा जीना मुश्किल हो गया है। ऊपर से हमें रोज धमकियां मिल रही हैं। धमकी देने वाले कहते है कि केस वापस लो नहीं तो फर्जी केस में परिवार वालों को जेल भिजवा देंगे। मैं ऐसे धमकियों से तंग आ गई हूं। खत में पीड़िता ने मुख्य न्यायाधीश से मांग की है कि उन्हें जल्द से जल्द न्याय दिया जाए।