आरयू ब्यूरो लखनऊ। यूपी में 24 घंटों में 02 लाख 22 हजार 974 कोरोना टेस्ट किये गये, जिसमें 7695 नए कोरोना पॉजिविट पाए गये। इसी अवधि में 253 लोग उपचारित होकर कोरोना मुक्त भी हुए। सावधानी और सतर्कता ही कोविड नियंत्रण का आधार है। संक्रमण की रोकथाम के दृष्टिगत सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं। मास्क के प्रयोग, सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजेशन इत्यादि से इस संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है।
उक्त बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को टीम-नाइन के साथ कोरोना से बचाव और वैक्सीन अभियान की समीक्षा करते हुए बैठक में कही। साथ ही शासन के वरिष्ठ अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए हैं। योगी ने कहा कि कोविड की बदलती परिस्थितियों को देखते हुए प्रदेश के सभी जनपदों में कड़ाई के साथ रात दस बजे से सुबह छह बजे तक नाइट कर्फ्यू प्रभावी किया जाए। इसके अतिरिक्त सभी शिक्षण संस्थानों में आगामी 16 जनवरी तक भौतिक रूप से पठन-पाठन स्थगित रखा जाए। केवल ऑनलाइन मोड में पढ़ाई हो। इस अवधि में पूर्व निर्धारित परीक्षाएं आयोजित की जा सकेंगी।
फिर से शुरू हो कम्युनिटी किचन
सीएम योगी ने कहा कि सरकार द्वारा 15 करोड़ लोगों को निशुल्क राशन दिया जा रहा है। यदि किसी के पास राशन कार्ड नहीं है तो उन्हें दोनों समय फूड पैकेट उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कोविड के पिछले अनुभवों के आधार पर सामुदायिक भोजनालयों (कम्युनिटी किचन) का संचालन शुरू कराया जाए। निराश्रित लोगों, अकेले रह रहे बुजुर्ग जनों, दिव्यांगजनों पर विशेष ध्यान दिया जाए। ऐसे व्यक्ति यदि संक्रमित होते हैं तो उनके साथ अतिरिक्त संवेदनशीलता का भाव रखा जाए।
रैन बसेरों में रखे जाएं समुचित प्रबंध
योगी ने कहा कि पुलिस, राजस्व और स्वास्थ्य विभाग की टीम इनके समुचित इलाज, भोजन आदि की व्यवस्था जरूर करे। ठंड के दृष्टिगत रैन बसेरों में समुचित प्रबंध रखे जाएं। जिन मरीजों में कोरोना के लक्षण दिखें उन्हें होम आइसोलेशन में रखते हुए इलाज किया जाए और उनकी निरन्तर मॉनीटरिंग की जाए। को-मॉर्बिड मरीजों, बुजुर्गाें और बच्चों को संक्रमण से बचाने पर विशेष ध्यान दिया जाए। अगर वे संक्रमित हों तो उनके इलाज की प्रक्रिया की सतत मॉनिटरिंग हो। उन्हें तत्काल मेडिसिन किट उपलब्ध कराई जाए।
निगरानी समितियां प्रभावी ढंग से करें अपना कार्य
वही सीएम ने ये भी कहा कि निगरानी समितियां अपना कार्य प्रभावी ढंग से करें। गांवों में प्रधान के नेतृत्व में और शहरी वार्डाें में पार्षदों के नेतृत्व में निगरानी समितियां क्रियाशील रहें। निगरानी समितियां घर-घर संपर्क कर बिना टीकाकरण वाले लोगों की सूची जिला प्रशासन को उपलब्ध कराएं ताकि उन्हें वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित किया जा सके।